जर्मनी के आम चुनाव में एंजेला मर्केल (Angela Merkel ) की कंजरेवेटिव पार्टी मामूली सीटों अंतर से चुनाव हार गई है. एंजेला मर्केल ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि वो इस बार चांसलर पद पर नहीं रहेंगी. माना जा रहा है कि मतदाताओं पर इसका काफी असर पड़ा. आम चुनाव के नतीजों के मुताबिक, जर्मनी में सोशल डेमोक्रेट्स ने बहुमत का आंकड़ा छू लिया है. इससे पहले 16 सालों तक जर्मनी में कंजरवेटिव पार्टी का शासन रहा है. मर्केल के शासन में जर्मनी यूरोप का सबसे तेज आर्थिक प्रगति करने वाला देश बना है. जर्मनी को इसीलिए यूरोप का ग्रोथ इंजन कहा जाता है.
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, सोशल डेमोक्रेट्स (Social Democrats) ने 2005 के बाद पहली बार सत्ता हासिल की है. नतीजों के मुताबिक, सोशल डेमोक्रेट्स को 26 फीसदी वोट अब तक हासिल हो चुके हैं. जबकि अभी तक सत्ता में रहे कंजरवेटिव पार्टी के गठबंधन (conservative bloc) को 24.5 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं. हालांकि सोशल डेमोक्रेट्स ने अभी तक सत्ता पर अपना दावा नहीं छोड़ा है.
ऐसे में माना जा रहा है कि जर्मनी में एक बार फिर गठबंधन सरकार देखने को मिलेगी. सोशल डेमोक्रेट्स और कंजरवेटिव पार्टी दोनों ही गठबंधन कर सत्ता पाने की कोशिश में जुट गए हैं. हालांकि नई सरकार के गठन में वक्त लग सकता है. सोशल डेमोक्रेट पार्टी से चांसलर पद के उम्मीदवार ओलाफ शोल्ज ने दावा किया कि उनकी पार्टी हर जगह पर बढ़त बनाए हुए है.
एंजेला मर्केल ने चांसलर के तौर पर यूरोपीय संघ की एकता बनाए रखने की भरपूर कोशिश की है. वर्ष 2008 की आर्थिक मंदी, ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने यानी ब्रेग्जिट, ग्रीस का आर्थिक संकट और पिछले डेढ़ साल से छाए कोरोना संकट के दौरान मर्केल पूरे यूरोप का नेतृत्व करते हुए दिखी हैं.
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