वाशिंगटन:
पाकिस्तानी विदेशमंत्री हिना रब्बानी खार ने गत सप्ताह नियंत्रण रेखा पर एक भारतीय सैनिक का सिर काटने की घटना के बाद भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह की ओर से की गई टिप्पणी को ‘अत्यंत आक्रामक’ करार दिया है। हिना ने यह भी कहा कि भारतीय नेताओं को उनके देश के घटनाक्रमों से सीख लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा, हमें भारत के कई नेताओं की टिप्पणियां सुनकर कोई सुखद हैरानी नहीं हुई है। मेरा मानना है कि यह वह चीज है जो पाकिस्तान में बदल गई है और भारत को इससे सीख लेनी चाहिए। हिना ने कहा, सेनाध्यक्ष की टिप्पणी के बाद मैं बीस वर्ष पहले पहुंच गई। उनसे पूछा गया, उन्होंने क्या कहा? हिना ने कहा, पूरी तरह से आक्रामक टिप्पणी। जनरल सिंह ने यह कहते हुए पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी दी कि भारत के पास अपनी पसंद के ‘समय और स्थान’ पर जवाबी कार्रवाई का अधिकार है।
उन्होंने गत 8 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के मेंढर क्षेत्र में हुई घटना पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि जवानों का सिर काटना ‘अस्वीकार’ और ‘अत्यंत अक्षम्य’ है और यदि उकसाया गया तो सैनिक तत्काल, आक्रामक रूप से प्रतिक्रिया करेंगे।
हिना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक विशेष सत्र में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क में हैं, जिसका पाकिस्तान जनवरी महीने के लिए अध्यक्ष है। हिना ने कहा, मेरा मानना है कि पाकिस्तान आज एक ऐसे देश का प्रतिनिधित्व करता है, जो इस बात को लेकर स्पष्ट है कि उसे अपने पड़ोसियों के साथ कैसे रहना है। हम जिस तरीके से अपने पड़ोसियों के साथ रहना चाहते हैं वह यह है कि प्रयास करके एक ऐसे वातावरण का निर्माण किया जाए, जिसमें हम अपने विवादों का सैन्य बयानों या सैन्य कार्रवाइयों की बजाय वार्ता के जरिये हल कर सकें। कश्मीर पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए हिना ने कहा कि उनका मानना है कि गत दो सप्ताह परेशान करने वाले रहे हैं।
उन्होंने कहा, दो सैनिक थे, जो संघर्ष में उस स्थान पर घायल हो गए थे, जो पाकिस्तानी क्षेत्र में 400 मीटर भीतर था। उनमें से एक घायल सैनिक ने दम तोड़ दिया। हमने चिंता जताते हुए अपनी चिंता भारतीय पक्ष से जतायी और लागू सामान्य व्यवस्था की मांग की। उन्होंने कहा, उस घटना के दो या तीन दिन बाद हम पर यह आरोप लगाया गया कि दोनों भारतीय सैनिक पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा मारे गए। हमने इसकी जांच की और हमें इस बात के कोई सबूत नहीं मिले कि पाकिस्तानी सैनिकों ने यह किया था। उसके बाद अत्यंत परस्पर विरोधी बयान आए कि उनके सिर काटे गए। उन्होंने कहा, उत्तरी कमांडर प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा नहीं हुआ जबकि अन्य कहते हैं कि ऐसा हुआ। इसलिए इस सबके के बाद दुर्भाग्य से घरेलू राजनीति शुरू हो गई।
उन्होंने कहा, हमें भारत के कई नेताओं की टिप्पणियां सुनकर कोई सुखद हैरानी नहीं हुई है। मेरा मानना है कि यह वह चीज है जो पाकिस्तान में बदल गई है और भारत को इससे सीख लेनी चाहिए। हिना ने कहा, सेनाध्यक्ष की टिप्पणी के बाद मैं बीस वर्ष पहले पहुंच गई। उनसे पूछा गया, उन्होंने क्या कहा? हिना ने कहा, पूरी तरह से आक्रामक टिप्पणी। जनरल सिंह ने यह कहते हुए पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी दी कि भारत के पास अपनी पसंद के ‘समय और स्थान’ पर जवाबी कार्रवाई का अधिकार है।
उन्होंने गत 8 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के मेंढर क्षेत्र में हुई घटना पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि जवानों का सिर काटना ‘अस्वीकार’ और ‘अत्यंत अक्षम्य’ है और यदि उकसाया गया तो सैनिक तत्काल, आक्रामक रूप से प्रतिक्रिया करेंगे।
हिना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक विशेष सत्र में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क में हैं, जिसका पाकिस्तान जनवरी महीने के लिए अध्यक्ष है। हिना ने कहा, मेरा मानना है कि पाकिस्तान आज एक ऐसे देश का प्रतिनिधित्व करता है, जो इस बात को लेकर स्पष्ट है कि उसे अपने पड़ोसियों के साथ कैसे रहना है। हम जिस तरीके से अपने पड़ोसियों के साथ रहना चाहते हैं वह यह है कि प्रयास करके एक ऐसे वातावरण का निर्माण किया जाए, जिसमें हम अपने विवादों का सैन्य बयानों या सैन्य कार्रवाइयों की बजाय वार्ता के जरिये हल कर सकें। कश्मीर पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए हिना ने कहा कि उनका मानना है कि गत दो सप्ताह परेशान करने वाले रहे हैं।
उन्होंने कहा, दो सैनिक थे, जो संघर्ष में उस स्थान पर घायल हो गए थे, जो पाकिस्तानी क्षेत्र में 400 मीटर भीतर था। उनमें से एक घायल सैनिक ने दम तोड़ दिया। हमने चिंता जताते हुए अपनी चिंता भारतीय पक्ष से जतायी और लागू सामान्य व्यवस्था की मांग की। उन्होंने कहा, उस घटना के दो या तीन दिन बाद हम पर यह आरोप लगाया गया कि दोनों भारतीय सैनिक पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा मारे गए। हमने इसकी जांच की और हमें इस बात के कोई सबूत नहीं मिले कि पाकिस्तानी सैनिकों ने यह किया था। उसके बाद अत्यंत परस्पर विरोधी बयान आए कि उनके सिर काटे गए। उन्होंने कहा, उत्तरी कमांडर प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा नहीं हुआ जबकि अन्य कहते हैं कि ऐसा हुआ। इसलिए इस सबके के बाद दुर्भाग्य से घरेलू राजनीति शुरू हो गई।
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