मास्को:
गृह युद्ध के दौरान विद्रोहियों के हाथों मारे गए लीबियाई तानाशाह मुअम्मार गद्दाफी की बेटी आयशा गद्दाफी ने लीबियाई जनता से आग्रह किया है कि उन्हें उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के विमानों के बल पर सत्ता में आई नई सरकार को उखाड़ फेंकना चाहिए। समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के अनुसार, सीबीएस न्यूज ने आयशा के हवाले से कहा है, "मेरे पिता भले ही जीवित नहीं हैं, लेकिन वह हमेशा हमारे बीच हैं।" आयशा का आडियो संदेश मंगलवार को सीरिया के अल-राय टेलीविजन पर प्रसारित हुआ था। आयशा ने कहा है, "अपने पिता के आदेशों को मत भूलिए, जो आपसे लड़ाई जारी रखने का आग्रह कर रहा है, भले ही उनकी आवाज अब आपको नहीं सुनाई देती।" गद्दाफी ने लीबिया पर पूरे 42 वर्षो तक शासन किया था। विद्रोहियों ने उसे उसके गृह नगर सिर्ते के पास 20 अक्टूबर को पकड़ लिया था और उसे मार डाला था। त्रिपोली पर विद्रोहियों का कब्जा होने के बाद आयशा, अपनी मां सोफिया और दो भाइयों, हन्नीबल व मोहम्मद तथा उनके बच्चों के साथ 29 अगस्त को सीमा पारकर अल्जीरिया चली गई थी। सीमा पार करने के चंद घंटे बाद ही आयशा ने अल्जीरिया के एक अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया था। सीबीएस न्यूज के अनुसार, अपने बयान के लिए आयशा को प्रत्यर्पण का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि उसने और उसके पारिवारिक सदस्यों ने अल्जीरिया में शरण मिलने के बाद शपथ लिया था कि वे कोई भी सार्वजनिक बयान नहीं देंगे।
This Article is From Nov 30, 2011