वाशिंगटन:
भारत ने 28 वर्ष बाद विकासशील देशों के संगठन जी-24 की अध्यक्षता सम्भाल ली। भारत ने कहा कि वह इस बहुपक्षीय मंच का प्रयोग दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करने में करेगा। अध्यक्षता ग्रहण करने के बाद वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने यहां कहा, "जी-24 की विकासशील देशों के मध्य वार्ता प्रक्रिया तीव्र करने एवं वैश्विक आर्थिक एवं वित्तीय सहयोग को और समावेशी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका है।" इससे पहले भारत ने 1983-84 में इस समूह की अध्यक्षता की थी। तब भी प्रणब मुखर्जी ही वित्त मंत्री थे। मुखर्जी ने समूह की भूमिका के बदलाव पर जोर देते हुए कहा, "विश्व अर्थव्यवस्था आपस में अत्यधिक जुड़ गई है और इसके साथ हमें बेहतर समन्वय के साथ काम करने की जरूरत है।" मुखर्जी ने दक्षिण अफ्रीका के वित्त मंत्री प्रवीन जे. गोर्धन से समूह की अध्यक्षता ग्रहण की है। समूह के उपाध्यक्ष पद पर मिस्र को चुना गया है। विकासशील देशों के मध्य आर्थिक एवं विकासशील मुद्दों पर बेहतर समन्वय के लिए जी-24 का गठन किया गया है। मुखर्जी ने कहा, "मेरा मानना है कि हममे से कई देशों के पास बेहतर संसाधन हैं। जिसपर अध्ययन करने एवं दूसरों में प्रसार करने की आवश्यकता है। आइए जी-24 के मंच का प्रयोग दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करने में करें।"