पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्लू बुश ने कहा कि वह "गहरे दुख के साथ" तालिबान के तेजी से अफगानिस्तान पर कब्जे को देख रहे हैं, उन्होंने वाशिंगटन से अफगानिस्तान से अमेरिकियों की वापसी में तेजी लाने का आग्रह किया है. अमेरिका पर 11 सितंबर, 2001 के हमलों में 2,977 लोग मारे गए थे. इसके बाद अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को तालिबान ने आश्रय दिया था. इसके बाद जार्ज डब्लू बुश ने तालिबान पर हमले का आदेश दिया था और अमेरिका ने अफगानिस्तान में तालिबान शासन का अंत कर दिया था.
तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा करने के बाद सत्ता में वापसी की घोषणा करने के बाद अमेरिका के 43 वें राष्ट्रपति रहे बुश ने सोमवार को देर रात में जारी एक पत्र में कहा कि वे और पूर्व फर्स्ट लेडी लौरा बुश "अमेरिकी के रूप में अमेरिकियों को अपना समर्थन और सहायता देने के लिए तैयार हैं."
पिछले दो दशकों से शासन करती रही अमेरिका समर्थित अफगानिस्तान सरकार का साथ पक्ष लेने वालों से तालिबान के प्रतिशोध लेने की आशंका है. तालिबान के अपेक्षित कट्टरपंथी इस्लामी शासन से भयभीत हज़ारों लोगों ने अफगानिस्तान से भागने की कोशिश की है.
तालिबान के कब्जे के दौरान अफगानिस्तान में अराजकता का माहौल बन गया है. देश से बाहर जाने के लिए काबुल हवाई अड्डे के रनवे पर भीड़ लग गई. कुछ लोग अमेरिकी सैन्य विमान से उस समय चिपक गए थे जब वह टेक ऑफ कर रहा था.
बुश ने कहा, "लौरा और मैं अफगानिस्तान में होने वाली दुखद घटनाओं को गहरे दुख के साथ देख रहे हैं." उन्होंने कहा कि "हमारे दिल उन अफगानी लोगों के लिए भारी हैं जिन्होंने बहुत कुछ सहा है और उन अमेरिकियों और नाटो सहयोगियों के लिए भी जिन्होंने बलिदान किया है."
बुश ने विश्वास व्यक्त किया कि निकासी प्रभावी होगी, लेकिन उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडेन से लालफीताशाही कम करने को कहा. उन्होंने उन अफगानों और अमेरिकियों को वहां से हटाने में तेजी लाने का आग्रह किया जिन्हें तालिबान ने धमकी दी है. उन्होंने कहा कि "नौकरशाही की देरी के बिना, अब उनके लिए मार्ग सुरक्षित करने की जिम्मेदारी और संसाधन हमारे पास हैं."
संघर्ष के शुरुआती वर्षों में इराक पर आक्रमण करके अफगानिस्तान से अपना ध्यान हटाने के लिए बुश प्रशासन को फटकार लगाई गई थी. कहा गया था कि उन्होंने तालिबान के साथ लड़ाई को बिना किसी स्पष्ट उद्देश्य के खींचने की इजाजत दी.
लेकिन पूर्व राष्ट्रपति ने तर्क दिया कि अफगान संघर्ष व्यर्थ नहीं गया था. उन्होंने कहा कि अमेरिकी सैनिकों ने स्कूलों का निर्माण किया और चिकित्सा सुविधाएं देते हुए "एक क्रूर दुश्मन" को बाहर निकाला था. उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों ने "अमेरिका को आगे के आतंकी हमलों से सुरक्षित रखा, दो दशक की सुरक्षा और लाखों लोगों को अवसर प्रदान किया एवं अमेरिका को गौरवान्वित किया."
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं