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This Article is From Mar 12, 2022

'धमाके नहीं छीन सकते फूलों की खुशबू', युद्धग्रस्त यूक्रेन में बमों की बौछार के बीच भी लड़की बेच रही है फूल

ऐसे मुश्किल हालातों में भी एक 25 वर्षीय एंजेला कालिसनिक नाम की लड़की फ्रंटलाइन से थोड़ी ही दूर ट्यूलिप और गुलाब बेच रही है. इस लड़की ने कहा कि हमें नहीं पता था कि युद्ध आ रहा था," "हमारे इलाके में फूल खिलते रहते हैं और हम उन्हें फेंकना नहीं चाहते.

'धमाके नहीं छीन सकते फूलों की खुशबू', युद्धग्रस्त यूक्रेन में बमों की बौछार के बीच भी लड़की बेच रही है फूल
रूस और यूक्रेन के बीच तनाव कम होता नहीं दिख रहा है.
नई दिल्ली:

रूस (Russia) के हमले बाद यूक्रेन (Ukraine) में हालात बहुत भयावह हो चुके हैं. ऐसे में हर कोई सुरक्षित ठिकानों की तलाश में यूक्रेन को छोड़कर जा रहा है. जाहिर सी बात है कि जिस जगह पर सिर्फ धमाकों की आवाज सुनाई दे रही हो, जो शहर एकदम वीरान हो गया हो. जहां चारों तरफ लाशें नजर आ रही हो भला वहां कौन रहना चाहेगा. ऐसे में हर शख्स संकटग्रस्त इलाकों को छोड़कर किसी और जगह पर जाने की मशक्कत कर रहे हैं.

ऐसे मुश्किल हालातों में भी एक 25 वर्षीय एंजेला कालिसनिक नाम की लड़की फ्रंटलाइन (Frontline) से थोड़ी ही दूर ट्यूलिप और गुलाब बेच रही है. इस लड़की ने कहा कि हमें नहीं पता था कि युद्ध आ रहा था," "हमारे इलाके में फूल खिलते रहते हैं और हम उन्हें फेंकना नहीं चाहते. सुनसान शहर की चौड़ी सड़कों पर बर्फ गिरती है और कड़कड़ाती ठंड में गिने-चुने लोग ही बाहर निकलते हैं. शहर के बाहर, सैनिक रूसी सेना पर से लड़ रहे हैं. लेकिन अभी भी कालिसनिक की दुकान के अंदर, रंग-बिरंगे गुलदस्ते दीवार पर लगे हैं.

कालिसनिक का कहना है कि 24 फरवरी को रूस (Russia) द्वारा उसके देश पर आक्रमण करने के एक हफ्ते बाद उसने अपनी दुकान बंद कर दी, लेकिन फिर वापस खोलने का फैसला किया.  उसने कहा कि "युद्ध युद्ध है, लेकिन लोग ऐसे मौकों पर भी जीना जारी रखते हैं," जैसे कि कई सैनिक मंगलवार को महिला दिवस के लिए अपनी गर्लफ्रेंड के लिए फूल खरीदने के लिए उमड़ पड़े. कई दिनों तक, रूसियों ने माइकोलाइव पर बमबारी की है, जो काला सागर तट से लगभग 130 किलोमीटर ओडेसा के रणनीतिक बंदरगाह शहर की सड़क पर स्थित है.

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यूक्रेनियन रूसियों को उनके द्वार पर खदेड़ने में कामयाब रहे. इस क्षेत्र के गवर्नर विटाली किम कहते हैं, "लड़ाई जीती जा रही है". एक संवाददाता सम्मेलन में, युवा राजनेता ने उपस्थित लोगों को आश्वासन दिया कि रूसियों को शहर के बाहर 15-20 किलोमीटर तक पीछे धकेल दिया गया है. शहर के बिगड़ते हालात देख हाल के दिनों में हजारों नागरिक मिकोलाइव से भाग गए हैं, जो कि अब तक बमबारी से बचा हुआ है. बड़े पैमाने पर हो रहे पलायन ने शहर को खाली कर दिया है. नतीजतन अधिकांश दुकानें बंद हैं और सुपरमार्केट अभी भी खुले हैं. अब पास्ता, चावल और डिब्बाबंद भोजन के सहारे काम चलाया जा रहा है.

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