भारत और चीन (India-China) के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच चीनी राष्ट्रपति राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) ने अचानक दक्षिणी-पूर्व तिब्बत का दौरा किया है. उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के बॉर्डर तक पहुंचकर सीमावर्ती शहर न्यिंगची का दौरा किया. चीन की सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को बताया कि तीन दशकों में पहली बार किसी चीनी राष्ट्रपति ने तिब्बत का दौरा किया है. चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की यह यात्रा राजनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र तिब्बत की दुर्लभ यात्रा है.
स्टेट ब्रॉडकास्टर द्वारा शुक्रवार को जारी सीसीटीवी फुटेज में, शी को पारंपरिक जातीय वेशभूषा पहने और चीनी झंडे लहराते हुए भीड़ का अभिवादन करते हुए देखा गया. जब वह अपने विमान से बाहर निकले तो एक रेड कार्पेट पर नर्तकियों ने उनके चारों ओर नृत्य का प्रदर्शन कर उनका स्वागत किया.
वह बुधवार को तिब्बत के दक्षिण-पूर्व में न्यिंगची मेनलिंग हवाई अड्डे पर पहुंचे, लेकिन दो दिन बाद तक आधिकारिक मीडिया में उनकी यात्रा का कोई जिक्र नहीं था.
सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, "सभी जातीय समूहों के कार्यकर्ताओं और जनता द्वारा गर्मजोशी से स्वागत" किए जाने के बाद शी यारलुंग त्सांगपो नदी और न्यांग नदी के पारिस्थितिकी और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जानने के लिए ब्रह्मपुत्र नदी बेसिन में न्यांग नदी पुल पर गए. यह अरुणाचल प्रदेश की सीमा के करीब है.
तिब्बत पर कई दशकों से चीन का नियंत्रण है. कभी उसे आजाद कहा जाता है तो कभी चीन नियंत्रित तिब्बत. चीन ने 1951 में बीहड़ पठार को "शांतिपूर्वक मुक्त" किया और पहले से अविकसित क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और शिक्षा मुहैया कराया है लेकिन कई निर्वासित तिब्बतियों ने चीन की सरकार पर धार्मिक दमन और उनकी संस्कृति को नष्ट करने का आरोप लगाया है.
चीन के विकास मॉडल से इस क्षेत्र में तेजी से होते कथित प्राचीन संस्कृति पर हमले के बीच लोगों का गुस्सा भी 2008 में फूट पड़ा था और वह दंगे का रूप ले ले लिया था.
इससे पहले शी चिनफिंग दो बार तिब्बत का दौरा कर चुके हैं, एक बार 1998 में फ़ुज़ियान प्रांत के पार्टी प्रमुख के रूप में और दूसरी बार 2011 में उप राष्ट्रपति के रूप में. शी से पहले तिब्बत की यात्रा करने वाले अंतिम चीनी राष्ट्रपति जियांग जेमिन थे जिन्होंने 1990 में यात्रा की थी.
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