वाशिंगटन:
अमेरिका में कांग्रेस के लिए निर्वाचित पहली हिन्दू तुलसी गैबर्ड ने पवित्र भगवद् गीता पर हाथ रखकर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। तुलसी (31) को प्रतिनिधि सभा के स्पीकर जॉन बोहनर ने शपथ दिलाई। वह गीता की शपथ लेने वाली पहली अमेरिकी कांग्रेस सदस्य हैं।
शपथ लेने के बाद तुलसी ने कहा, मैंने भगवद् गीता की अपनी निजी प्रति के साथ शपथ लेने का फैसला किया, क्योंकि गीता से मुझे जनसेवक नेता बनने का प्रयास करने की प्रेरणा मिली है। उन्होंने कहा, मेरी जिंदगी की कई कठिन चुनौतियों के दौरान गीता आंतरिक शांति एवं शक्ति का बड़ा स्रोत रही है। इन चुनौतियों में पश्चिम एशिया संकट के समय मेरी तैनाती भी शामिल है।
तुलसी ने कहा, मैं बहुनस्ली, बहुसांस्कृतिक और बहुधर्मीय परिवार में पली-बढ़ी हूं। मेरी मां हिन्दू हैं और पिता कैथोलिक है। मैंने किशोरावस्था से ही आध्यात्मिकता के सवालों से जूझना शुरू कर दिया था। हवाई से चुनी गईं तुलसी ने कहा, समय के साथ मुझे यह विश्वास हुआ कि धर्म हमें जीना सिखाने के साथ ही जिंदगी में बड़े लक्ष्य का उद्देश्य देता है।
उनके पिता माइक गैबर्ड हवाई प्रांत के सीनेटर हैं, जबकि मां कैरोल पोर्टर गैबर्ड शिक्षाविद् एवं उद्यमी हैं। महज 21 साल की उम्र में तुलसी हवाई की स्थायी विधायिका के लिए चुनी गई थीं। 28 साल की उम्र में उन्हें कुवैत आर्मी नेशनल गार्ड की ओर से एक अवार्ड दिया गया। इससे पहले डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में तुलसी ने प्रतिनिधि सभा की डेमोक्रेट नेता नैंसी पेलोसी की मौजूदगी में संबोधन दिया था।
शपथ लेने के बाद तुलसी ने कहा, मैंने भगवद् गीता की अपनी निजी प्रति के साथ शपथ लेने का फैसला किया, क्योंकि गीता से मुझे जनसेवक नेता बनने का प्रयास करने की प्रेरणा मिली है। उन्होंने कहा, मेरी जिंदगी की कई कठिन चुनौतियों के दौरान गीता आंतरिक शांति एवं शक्ति का बड़ा स्रोत रही है। इन चुनौतियों में पश्चिम एशिया संकट के समय मेरी तैनाती भी शामिल है।
तुलसी ने कहा, मैं बहुनस्ली, बहुसांस्कृतिक और बहुधर्मीय परिवार में पली-बढ़ी हूं। मेरी मां हिन्दू हैं और पिता कैथोलिक है। मैंने किशोरावस्था से ही आध्यात्मिकता के सवालों से जूझना शुरू कर दिया था। हवाई से चुनी गईं तुलसी ने कहा, समय के साथ मुझे यह विश्वास हुआ कि धर्म हमें जीना सिखाने के साथ ही जिंदगी में बड़े लक्ष्य का उद्देश्य देता है।
उनके पिता माइक गैबर्ड हवाई प्रांत के सीनेटर हैं, जबकि मां कैरोल पोर्टर गैबर्ड शिक्षाविद् एवं उद्यमी हैं। महज 21 साल की उम्र में तुलसी हवाई की स्थायी विधायिका के लिए चुनी गई थीं। 28 साल की उम्र में उन्हें कुवैत आर्मी नेशनल गार्ड की ओर से एक अवार्ड दिया गया। इससे पहले डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में तुलसी ने प्रतिनिधि सभा की डेमोक्रेट नेता नैंसी पेलोसी की मौजूदगी में संबोधन दिया था।
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