मेक्सिको सिटी:
अर्जेंटिना के फॉरेंसिक विशेषज्ञों के एक समूह ने मेक्सिको सरकार के उस नतीजे को खारिज कर दिया, जिसके मुताबिक हिंसाग्रस्त गुएरेरो राज्य में साल 2014 में लापता हुए 43 विद्यार्थियों को एक कूड़ा घर में जला दिया गया था।
अपने निष्कर्ष पेश करने के लिए किए गए संवाददाता सम्मेलन में अर्जेंटिना फॉरेंसिक एंथ्रोपोलॉजी टीम (ईएएएफ) ने मंगलवार को कहा, 'अब तक, ईएएफ ने जो भी वैज्ञानिक सबूत पाए हैं, वह लापता छात्रों तथा कोकुला कूड़ा घर के बीच कोई कड़ी नहीं दर्शाता है।' समाचार एजेंसी सिन्हुआ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फॉरेंसिक दल ने कहा कि उसने कम से कम 19 लोगों के जले हुए अवशेषों की जांच की है, लेकिन सभी अवशेष बुजुर्ग आयुवर्ग के लोगों के हैं।
गौरतलब है कि आयोतजिनापा टीचर्स कॉलेज के ये छात्र इगुआला कस्बे के पास पुलिस के साथ हुई झड़प के बाद लापता हो गए थे। उनकी बसों को पुलिस ने रोक लिया था। महापौर ने विद्यार्थियों को उनकी पत्नी के खिलाफ एक प्रदर्शन में शामिल होने से रोकने के लिए पुलिस को कथित तौर पर आदेश दिया था। महापौर व उनकी पत्नी फिलहाल जेल में हैं।
नवंबर 2015 में मेक्सिको के तत्कालीन अटॉर्नी जनरल जीसस मुरिल्लो करम ने कहा था कि छात्रों को एक स्थानीय अपराधी गिरोह को सौंप दिया गया था और गिरोह के सदस्यों ने बाद में छात्रों की हत्या कर उनके शव को कोकुला में जलाने की बात कबूल की थी।
घटनास्थल से लिए गए नमूने से केवल दो विद्यार्थियों के डीएनए का मिलान हो सका। ईएएएफ के संवाददाता सम्मेलन के बाद मेक्सिको के अटॉर्नी जनरल कार्यालय ने कहा कि उसने मामले की जांच बंद नहीं की है और अर्जेटिना के जांच दल के नवीनतम निष्कर्ष की जांच की जाएगी।
अपने निष्कर्ष पेश करने के लिए किए गए संवाददाता सम्मेलन में अर्जेंटिना फॉरेंसिक एंथ्रोपोलॉजी टीम (ईएएएफ) ने मंगलवार को कहा, 'अब तक, ईएएफ ने जो भी वैज्ञानिक सबूत पाए हैं, वह लापता छात्रों तथा कोकुला कूड़ा घर के बीच कोई कड़ी नहीं दर्शाता है।' समाचार एजेंसी सिन्हुआ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फॉरेंसिक दल ने कहा कि उसने कम से कम 19 लोगों के जले हुए अवशेषों की जांच की है, लेकिन सभी अवशेष बुजुर्ग आयुवर्ग के लोगों के हैं।
गौरतलब है कि आयोतजिनापा टीचर्स कॉलेज के ये छात्र इगुआला कस्बे के पास पुलिस के साथ हुई झड़प के बाद लापता हो गए थे। उनकी बसों को पुलिस ने रोक लिया था। महापौर ने विद्यार्थियों को उनकी पत्नी के खिलाफ एक प्रदर्शन में शामिल होने से रोकने के लिए पुलिस को कथित तौर पर आदेश दिया था। महापौर व उनकी पत्नी फिलहाल जेल में हैं।
नवंबर 2015 में मेक्सिको के तत्कालीन अटॉर्नी जनरल जीसस मुरिल्लो करम ने कहा था कि छात्रों को एक स्थानीय अपराधी गिरोह को सौंप दिया गया था और गिरोह के सदस्यों ने बाद में छात्रों की हत्या कर उनके शव को कोकुला में जलाने की बात कबूल की थी।
घटनास्थल से लिए गए नमूने से केवल दो विद्यार्थियों के डीएनए का मिलान हो सका। ईएएएफ के संवाददाता सम्मेलन के बाद मेक्सिको के अटॉर्नी जनरल कार्यालय ने कहा कि उसने मामले की जांच बंद नहीं की है और अर्जेटिना के जांच दल के नवीनतम निष्कर्ष की जांच की जाएगी।
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