यूरोपीय संघ मंगलवार को 1 जुलाई से 15 देशों में अपनी सीमाएं खोलने पर सहमत हो गया, लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका को इससे बाहर रखा जाएगा. क्योंकि वहां कोरोनोवायरस अभी भी फैल रहा है. ऐसा बताया जा रहा है कि ज्यादातर अमेरिकी नागरिकों को कम से कम दो हफ्तों तक एंट्री नहीं दी जाएगी. इसके साथ ही इंडिया, रूस और ब्राजील समेत कई और देशों को भी प्रवेश की इजाजत नहीं है. चीन ने इस सूची में जगह बनाई, जिसे हर दो सप्ताह में अपडेट किया जाएगा, लेकिन इस शर्त पर कि बीजिंग यूरोपीय लोगों के लिए ऐसा ही करता है, एक बयान में कहा गया है.
एक बयान में कहा गया है, 'चीन ने इस सूची में जगह बनाई, जिसे हर दो सप्ताह में अपडेट किया जाएगा, लेकिन इस शर्त पर कि बीजिंग यूरोपीय लोगों के लिए ऐसा ही करता है.'
ईयू यानि यूरोपीय यूनियन के ऑस्ट्रेलिया, अल्जीरिया, उरुग्वे, ट्यूनीशिया, साउथ कोरिया, सर्बिया, रवांडा, न्यूजीलैंड, मोरक्को,मोंटेनेग्रो, जापान, जॉर्जिया, कनाडा और थाइलैंड जैसे देशों के नागरिकों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी.
ऐसा बताया जा रहा है कि इस लिस्ट को हर दो हफ्ते में अपडेट किया जाएगा. इसके अलावा जो देश अपने यहां कोरोनावायरस पर नियंत्रण पाने में जिस स्तर तक कामयाब होंगे उसी आधार पर इस लिस्ट में निरंतर बदलाव भी होगा, जैसे किसी देश का नाम काटा जा सकता है तो किसी देश का नाम जोड़ा जा सकता है.
गौरतलब है कि कोरोनावायरस का यूरोप की अर्थव्यवस्था पर भी बुरी तरह असर पड़ा है. यूरोपीय संघ के देश अपने पर्यटन उद्योग को दोबारा से खड़ा करने के लिए बेताब है. दक्षिण यूरोप के ग्रीस, स्पेन और इटली जैसे देश पर्यटकों को खासे आकर्षित करते हैं. ऐसा बताया जाता है कि यूरोप की यात्रा करने वालों में अमेरिका के लोगों की अच्छी खासी संख्या है. खबरों की माने से हर करीब डेढ़ करोड़ से ज्यादा यूएस नागरिक यूरोप घूमने के लिए आते हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं