पाकिस्तानी पीएम शाहिद खाकान अब्बासी.
नई दिल्ली:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान न्यूयार्क के जेएफके एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी चेक से गुज़रना पड़ा. यह जानकारी पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित ख़बरों में दी गई है. इन दिनों अमेरिका तथा पाकिस्तान के रिश्तों के बीच तनाव बना हुआ है, और ऐसे वक्त में पाकिस्तानी टेलीविज़न चैनलों में दिखाई गई तथा सोशल मीडिया में सर्कुलेट हो रही फुटेज में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को एक साधारण यात्री की तरह अपना बैग तथा कोट उठाकर न्यूयार्क के जेएफके एयरपोर्ट के सिक्योरिटी चेक से निकलते हुए दिखाया गया है. इन दृश्यों को पाकिस्तानी मीडिया ने 'भारी शर्मिन्दगी' करार दिया है.
जियो न्यूज़ (Geo News) ने कहा है कि पाकिस्तान के PM शाहिद खाकान अब्बासी एक निजी यात्रा के तहत पिछले सप्ताह अमेरिका गए थे, जहां उन्हें अपनी बहन से मुलाकात करनी थी. जियो न्यूज़ के मुताबिक, अब्बासी ने सभी यात्रियों के लिए लागू स्टैंडर्ड सिक्योरिटी प्रोटोकॉल का पालन किया. जियो न्यूज़ का कहना है कि अब्बासी अपनी सादगी के लिए ही जाने जाते हैं.
बताया जाता है कि इसी अमेरिका यात्रा के दौरान शाहिद खाकान अब्बासी ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेन्स से भी मुलाकात की थी. अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा है कि उन्हें अपनी धरती से जारी आतंकवाद को काबू में करने के लिए ज़्यादा काम करना होगा.
कुछ मीडिया रिपोर्टों में अब्बासी की आलोचना की गई है, क्योंकि उन्होंने राष्ट्रप्रमुख होने के लिहाज़ से एक शर्मिन्दगी-भरी प्रक्रिया का पालन किया, जबकि उनके पास डिप्लोमैटिक पासपोर्ट था.
यह घटना ऐसे वक्त में हुई है, जब अमेरिका, पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने पर विचार कर रहा है, जिनमें पाकिस्तानी सरकार में शामिल नेताओं पर वीसा बैन तथा अन्य कुछ प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं.
अमेरिका ने सात पाकिस्तानी कंपनियों पर पाबंदी लगा दी है, क्योंकि उनके कथित ताल्लुकात परमाणु व्यापार से हैं. इससे दोनों देशों के बीच रिश्तों में कड़वाहट बढ़ी है, जो हालिया सालों में अफगानिस्तान में 'जंग' कर रहे आतंकवादियों को पाकिस्तान द्वारा संदिग्ध रूप से समर्थन दिए जाने की वजह से बिगड़े हुए हैं, हालांकि पाकिस्तानी अधिकारी इन आरोपों से साफ इंकार करते रहे हैं.
माना जाता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन पाकिस्तान के खिलाफ अभूतपूर्व राजनैतिक दंडात्मक कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है, क्योंकि उसका आरोप है कि अफगानिस्तान में अमेरिका-समर्थित सरकार के खिलाफ जंग छेड़ रहे आतंकवादियों को पाकिस्तान की ओर से मदद दी जा रही है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि जनवरी में सैन्य सहायता के रूप में दी जाने वाली 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर की राशि को निलंबित कर दिए जाने के बावजूद पाकिस्तान अपनी धरती पर अफगान आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में नाकाम रहा है.
जियो न्यूज़ (Geo News) ने कहा है कि पाकिस्तान के PM शाहिद खाकान अब्बासी एक निजी यात्रा के तहत पिछले सप्ताह अमेरिका गए थे, जहां उन्हें अपनी बहन से मुलाकात करनी थी. जियो न्यूज़ के मुताबिक, अब्बासी ने सभी यात्रियों के लिए लागू स्टैंडर्ड सिक्योरिटी प्रोटोकॉल का पालन किया. जियो न्यूज़ का कहना है कि अब्बासी अपनी सादगी के लिए ही जाने जाते हैं.
बताया जाता है कि इसी अमेरिका यात्रा के दौरान शाहिद खाकान अब्बासी ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेन्स से भी मुलाकात की थी. अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा है कि उन्हें अपनी धरती से जारी आतंकवाद को काबू में करने के लिए ज़्यादा काम करना होगा.
कुछ मीडिया रिपोर्टों में अब्बासी की आलोचना की गई है, क्योंकि उन्होंने राष्ट्रप्रमुख होने के लिहाज़ से एक शर्मिन्दगी-भरी प्रक्रिया का पालन किया, जबकि उनके पास डिप्लोमैटिक पासपोर्ट था.
यह घटना ऐसे वक्त में हुई है, जब अमेरिका, पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने पर विचार कर रहा है, जिनमें पाकिस्तानी सरकार में शामिल नेताओं पर वीसा बैन तथा अन्य कुछ प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं.
अमेरिका ने सात पाकिस्तानी कंपनियों पर पाबंदी लगा दी है, क्योंकि उनके कथित ताल्लुकात परमाणु व्यापार से हैं. इससे दोनों देशों के बीच रिश्तों में कड़वाहट बढ़ी है, जो हालिया सालों में अफगानिस्तान में 'जंग' कर रहे आतंकवादियों को पाकिस्तान द्वारा संदिग्ध रूप से समर्थन दिए जाने की वजह से बिगड़े हुए हैं, हालांकि पाकिस्तानी अधिकारी इन आरोपों से साफ इंकार करते रहे हैं.
माना जाता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन पाकिस्तान के खिलाफ अभूतपूर्व राजनैतिक दंडात्मक कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है, क्योंकि उसका आरोप है कि अफगानिस्तान में अमेरिका-समर्थित सरकार के खिलाफ जंग छेड़ रहे आतंकवादियों को पाकिस्तान की ओर से मदद दी जा रही है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि जनवरी में सैन्य सहायता के रूप में दी जाने वाली 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर की राशि को निलंबित कर दिए जाने के बावजूद पाकिस्तान अपनी धरती पर अफगान आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में नाकाम रहा है.
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