बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के तहत कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. खासतौर से चुनाव की तारीख के ऐलान के बाद से देश में हिंसा भी देखने को मिल रही है. ताजा मामले में बुधवार को भीड़ के हमले में अवामी लीग के एक और कार्यकर्ता की बेरहमी से हत्या कर दी गई. इस हत्या का आरोप बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ताओं पर लगा है.
अवामी लीग के मीडिया सेल के अनुसार, रियाद हुसैन को बीएनपी-जमात के 'आतंकियों की भीड़' ने चाकू गोदकर मार डाला. वह पार्टी की सहयोगी संस्था, स्वेच्छासेवक लीग, का समर्थन करते थे. पार्टी ने आरोप लगाया कि कट्टरपंथी बएनपी-जमात के लोग मोटरसाइकिल पर आए और बिना किसी उकसावे या झगड़े के, रियाद पर एक साथ मिलकर हमला कर दिया. अवामी लीग ने दावा किया कि हत्या का मकसद पार्टी कार्यकर्ताओं में डर फैलाना और समूह पर 'आतंक' का दबदबा दिखाना था.
शेख हसीना की सरकार गिराए जाने के बाद से अवामी पार्टी के नेता और अपदस्थ पीएम के बेटे लगातार दावा कर रहे हैं कि उनकी पार्टी के नेता, कार्यकर्ताओं और समर्थकों को निशाना बनाया जा रहा है. पहले भी अवामी लीग के नेता ने आरोप लगाया था कि वहां जेल में बंद पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है.
ताजा मामले को लेकर अवामी लीग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, "उनका मकसद एक ही था. अवामी लीग के एक्टिविस्ट में डर फैलाना और अपने आतंक का दबदबा दिखाना. जब बीएनपी-जमात की भीड़ सड़कों पर उतरती है, तो उनका एक ही मकसद होता है, बांग्लादेश में विकासशील राजनीति को रोकना, डराना-धमकाना और आम लोगों का खून बहाना."
इसमें आगे कहा गया, "रियाद पर हमला सिर्फ एक व्यक्तिगत हत्या नहीं है. यह बांग्लादेश में फिर से उभर रहे बीएनपी-जमात आतंकवादी नेटवर्क का एक खुला संदेश है कि वे किसी भी समय बेगुनाह आम लोगों को निशाना बनाने को तैयार हैं. लोकतंत्र नहीं, भीड़ का आतंकवाद उनका हथियार है."
पिछले महीने, अवामी लीग ने यूनुस सरकार पर देश के लोगों को अनिश्चित भविष्य की ओर धकेलने की साजिश करने का आरोप लगाया था और चेतावनी दी थी कि 'आतंकियों की भीड़' का एक नया रूप एक सुनियोजित 'आतंक की रणनीति' के तौर पर सामने आया है.
यूनुस सरकार पर निशाना साधते हुए अवामी लीग ने कहा कि जबसे गैरकानूनी तरीके से हड़पने वालों ने सत्ता पर कब्जा किया है, देश भर में हत्या, दुष्कर्म, चोरी, डकैती और लूटपाट की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने सत्ता पर काबिज रहने के लिए 'आतंकवाद' का सहारा लिया, जिससे नागरिकों को अपनी जान या संपत्ति की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं मिली है.
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