मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मोरसी. (फाइल फोटो)
काहिरा:
मिस्र की एक अदालत ने शनिवार को कतर के लिए जासूसी करने के आरोप में पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मोरसी को मिली आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, मिस्र की सर्वोच्च अपील अदालत, कोर्ट ऑफ कैसेशन ने कहा कि मोरसी के खिलाफ फैसला अंतिम है और इसके खिलाफ अपील नहीं की जा सकती है.
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मौत की सजा बरकरार
अदालत ने इसी आरोप में मुस्लिम ब्रदरहुड के तीन प्रमुख व्यक्तियों के खिलाफ भी मौत की सजा को बरकरार रखा है. अभियुक्तों पर कतर को सशस्त्र बलों के बारे में वर्गीकृत दस्तावेज देने का आरोप लगाया गया था. यह दस्तावेज मिस्र की राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकते थे. मिस्र में आजीवन कारावास की सजा मिलने पर 25 वर्ष जेल में रहना पड़ता है.
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मौत की सजा बरकरार
अदालत ने इसी आरोप में मुस्लिम ब्रदरहुड के तीन प्रमुख व्यक्तियों के खिलाफ भी मौत की सजा को बरकरार रखा है. अभियुक्तों पर कतर को सशस्त्र बलों के बारे में वर्गीकृत दस्तावेज देने का आरोप लगाया गया था. यह दस्तावेज मिस्र की राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकते थे. मिस्र में आजीवन कारावास की सजा मिलने पर 25 वर्ष जेल में रहना पड़ता है.
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