काहिरा:
मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को पद से हटाने के लिए जारी विरोध प्रदर्शन व्यापक होता जा रहा है। रविवार को विरोध प्रदर्शन के छठे दिन मिस्र की जेलों में बंद हजारों कैदी जेल से भाग निकले और कई सैनिक भी अपनी वर्दी उतारकर सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल हो गए हैं। दूसरी तरफ प्रदर्शनकारियों ने काहिरा के मॉल तथा बड़े बाजारों में लूटपाट की है। इन विरोध प्रदर्शनों में मरने वाले लोगों की कुल संख्या 102 पहुंच चुकी है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक देश के अलेक्जेंद्रिया, अस्वान और अन्य कई स्थानों पर रातभर में जेल तोड़ने की कई घटनाएं हुई हैं। एक अनुमान के मुताबिक दक्षिणी काहिरा के अल फायोम में जेल तोड़कर पांच हजार कैदी भाग निकले हैं। इस घटना में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई है। लुटेरों ने कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए तथा बड़ी तादाद में सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी को धता बताते हुए मॉल में टीवी सेट, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण तथा कपड़े लूट लिए। चारों तरफ से आलोचनाओं से घिरे 82 वर्षीय मुबारक ने शनिवार को पहली बार पद छोड़ने का संकेत दिया था। उन्होंने 30 साल के निरंकुश शासन के बाद पहली बार अपने खुफिया प्रमुख उमर सुलेमान को उप राष्ट्रपति के तौर पर नियुक्त किया। इस बीच, हजारों प्रदर्शनकारियों ने कर्फ्यू का उल्लंघन किया और काहिरा के मध्य में तहरीर स्क्वेयर में बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। पूरे शहर में प्रमुख इमारतों तथा पर्यटन स्थलों की सुरक्षा के लिए सैनिकों और हथियारबंद वाहनों को तैनात किया गया है। सूत्रों के अनुसार सरकार विरोधी प्रदर्शनों में कम से कम 102 लोग मारे जा चुके हैं। नगर की स्थिति को देखते हुए काहिरा रटॉक एक्सचेंज को रविवार को बंद रखने का फैसला किया गया। मिस्र के पहले ट्यूनीशिया में आंदोलन शुरू हुआ था, जिसमें राष्ट्रपति जाइन अल अबीदीन बेन अली को 23 साल की सत्ता के बाद पद छोड़ना पड़ा था।
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