
- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अफगानिस्तान में बगराम एयरबेस को फिर से सक्रिय करने की योजना का खुलासा किया है.
- ट्रंप ने तालिबान को चेतावनी दी कि अगर बगराम एयरबेस वापस नहीं किया गया तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
- बगराम एयरबेस पर कब्जा चीन के परमाणु ठिकानों के निकटता के कारण US प्रशासन के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आए दिन अपने फैसलों से दुनिया को हैरान कर रहे हैं. इस बार अमेरिकी प्रशासन ने अपनी अफगानिस्तान नीति में बदलाव किया है और बगराम एयरबेस को फिर से एक्टिव करने पर विचार किया जा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद यह खुलासा किया है कि उनका प्रशासन अफगानिस्तान में बगराम एयरबेस को फिर से कब्जे में लेने की कोशिश कर रहा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने लिखा, "अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस को उसके बनाने वाले को यानी अमेरिका को वापस नहीं करता, तो बहुत बुरा होगा."
अमेरिका को क्यों अफगान एयरबेस की चाह
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले दोहराया था कि वाशिंगटन इस एयरबेस पर फिर से नियंत्रण पाने के लिए प्रयास कर रहा है. यह एयरबेस 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद अमेरिकी सेना का एक प्रमुख बेस था. शुक्रवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए, उन्होंने पुष्टि की कि इस मामले पर अफगानिस्तान के साथ बातचीत चल रही है. अफगानिस्तान में बगराम एयरबेस सबसे बड़ा अमेरिकी सैन्य अड्डा था. इस एयरबेस को 2021 में अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान ने अपने कब्जे में ले लिया था.
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तालिबान ने क्या कुछ कहा
इसी बीच, तालिबान शासन ने बगराम पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी की निंदा की है. अफगानिस्तान के सरकारी रेडियो और टेलीविजन (आरटीए) की रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ अफगान अधिकारी ने शनिवार को बगराम एयरबेस पर फिर से कब्जा करने संबंधी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि अफगान अपने देश में विदेशी सैन्य उपस्थिति को कभी स्वीकार नहीं करते. सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी मीडिया ने विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ राजनयिक जलाली के हवाले से कहा, "अफगानिस्तान और अमेरिका को द्विपक्षीय सम्मान और साझा हितों पर आधारित आर्थिक और राजनीतिक संबंधों पर बातचीत की जरूरत है."
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ट्रंप को क्यों बगराम एयरबेस की तमन्ना
इससे पहले ट्रंप ने अगस्त 2021 में अमेरिकी सेना की वापसी के दौरान बगराम एयरबेस छोड़ने को लेकर अपने जो बाइडेन की आलोचना की थी. ट्रंप ने लंदन में मीडिया से कहा था, "हम इसे फिर से हासिल करना चाहते हैं."काबुल से 50 किलोमीटर उत्तर में स्थित बगराम एयरबेस, अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन बलों की 20 साल की सैन्य उपस्थिति के दौरान अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों का मुख्य सैन्य अड्डा रहा था। यह सैन्य उपस्थिति अगस्त 2021 में समाप्त हो गई थी. डोनाल्ड ट्रंप का यह खुलासा चीन के लिए भी परेशानी भरा है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुद कहा है कि चीन के परमाणु ठिकानों के नजदीक होने के कारण बगराम एयरबेस पर उनके प्रशासन का कब्जा जरूरी है.
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