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UN में बड़बोले ट्रंप ने किसी को नहीं छोड़ा... पुतिन-यूरोप पर हमला, एस्क्लेटर से टेलीप्रॉम्पटर तक टॉप 10 UPDATE

Donald Trump's UNGA Speech Highlights: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक आलोचनात्मक भाषण दिया, जिसमें संस्था पर बढ़ते संघर्षों और आव्रजन समस्याओं को हल करने में विफल रहने का आरोप लगाया.

UN में बड़बोले ट्रंप ने किसी को नहीं छोड़ा... पुतिन-यूरोप पर हमला, एस्क्लेटर से टेलीप्रॉम्पटर तक टॉप 10 UPDATE
डोनाल्ड ट्रंप ने UN महासभा के भाषण में किसी को नहीं छोड़ा
  • डोनाल्ड ट्रंप ने UN महासभा में संस्था की असफलताओं और युद्ध समाधान में उसकी अक्षमता की कड़ी आलोचना की
  • ट्रंप ने भारत और चीन पर यूक्रेन युद्ध के लिए रूस के तेल की खरीद कर युद्ध को वित्तपोषित करने का आरोप लगाया
  • उन्होंने यूरोपीय देशों को रूसी ऊर्जा खरीद बंद करने की चेतावनी दी और नाटो सहयोगियों की आलोचना की
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Donald Trump's UNGA Speech Highlights: मौका संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में आम बहस का था और मंच पर थे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. सामने 192 देश के नेता बैठे थे और माइक ट्रंप के हाथ में था. ट्रंप ने 56 मिनट तक अपना भाषण दिया, यानी जितना समय उन्हें दिया गया था उससे चार गुना ज्यादा समय तक उनका भाषण चला. ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से ही संयुक्त राष्ट्र की आलोचना की, उन्होंने रूस की आलोचना की, भारत-चीन की आलोचना की.

10 प्वाइंट में ट्रंप के भाषण की 10 सबसे बड़ी बातें

  1.  UN की आलोचना- राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक आलोचनात्मक भाषण दिया, जिसमें संस्था पर बढ़ते संघर्षों और आव्रजन समस्याओं को हल करने में विफल रहने का आरोप लगाया और उसके "खोखले शब्दों" मजाक उड़ाते हुए कहा कि "युद्ध का समाधान नहीं होता है." उन्होंने पूछा कि संयुक्त राष्ट्र का उद्देश्य क्या है?... इसमें इतनी जबरदस्त क्षमता है लेकिन यह उस पर खरा उतरने के करीब भी नहीं पहुंच रहा है."
  2. भारत-चीन की आलोचना- डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को चीन और भारत पर रूसी तेल की लगातार खरीद के जरिए यूक्रेन युद्ध के "प्राथमिक वित्तपोषक" (जंग को फंड देना) होने का आरोप लगाया.
  3. यूरोपीय देशों की आलोचना- डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी कि यूरोपीय देशों को मास्को से ऊर्जा खरीद बंद करनी चाहिए, उन्होंने कहा कि नाटो सहयोगी रूसी तेल और गैस में कटौती न करके "अपने खिलाफ युद्ध का वित्तपोषण" कर रहे हैं.
  4. माइग्रेशन की आलोचना- ट्रंप ने अपना अधिकांश समय अन्य देशों की आव्रजन नीतियों (इमिग्रेशन पॉलिसी)  की आलोचना करते हुए बिताया. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र पर अपर्याप्त प्रवासन नियंत्रण के कारण "पश्चिमी देशों पर हमले के लिए फंड देने" का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि पश्चिम का ताना-बाना नष्ट हो रहा है. उन्होंने यहां तक कहा, "यदि आप उन लोगों को नहीं रोकते हैं जिन्हें आपने पहले कभी नहीं देखा है, जिनके साथ आपकी कोई समानता नहीं है, तो आपका देश विफल हो जाएगा."
  5. क्लाइमेट चेंज पर एक्शन की आलोचना- ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन से वैश्विक आपदा की चेतावनी देने वाली पिछली भविष्यवाणियों का मजाक उड़ाया और अन्य देशों से कार्बन उत्पादन को कम करने के इरादे से शुरू किए गए हरित ऊर्जा पहल को ही खत्म करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, जलवायु परिवर्तन, "दुनिया में अब तक की सबसे बड़ी धोखाधड़ी है."
  6. टेलीप्रॉम्पटर और एस्केलेटर पर UN की आलोचना- ट्रंप को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय की यात्रा के दौरान दो परेशानी का सामना करना पड़ा. पहले जब वह और उनकी पत्नी एस्केलेटर पर चढ़े, तो वह अचानक रुक गया. दूसरी घटना यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली के भाषण के दौरान हुई, जब ट्रंप का टेलीप्रॉम्प्टर खराब हो गया. ट्रंप ने अपनी नाराजगी सबके सामने दिखाई और कहा, “संयुक्त राष्ट्र से मुझे केवल एक एस्केलेटर मिला जो ऊपर जाते समय ठीक बीच में बंद हो गया.” उन्होंने मजाक में कहा कि जो कोई भी टेलीप्रॉम्प्टर चला रहा है वह "बड़ी मुसीबत में है."

  7. रूस पर जुबानी हमला- ट्रम्प ने यूक्रेन में रूस के युद्ध को भी संबोधित किया, एक बार फिर धमकी दी कि अगर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन युद्ध समाप्त करने के लिए मेज पर नहीं आते हैं तो मास्को पर "बहुत शक्तिशाली टैरिफ" लागू किया जाएगा.
  8. स्पीच के बाद यूक्रेन जंग पर बदला स्टैंड- ट्रंप ने अपने भाषण में तो यूक्रेन जंग पर वही बाते बोलीं जो वो बोलते आ रहे हैं लेकिन उसके बाद उन्होंने इस युद्ध पर अपने स्टैंड में नाटकीय बदलाव की घोषणा की. उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के साथ बैठक किया और कहा कि अब उन्हें विश्वास है कि यूक्रेन, नाटो की मदद से, रूस से खोए हुए सभी क्षेत्रों को वापस जीत सकता है.
  9. फिलिस्तीन को मान्यता देने के लिए यूरोपीय देश को घेरा- राष्ट्रपति ने लंबे समय के उन अमेरिकी सहयोगियों को भी निशाने पर लिया जिन्होंने इस साल UN महासभा में या उससे पहले फिलिस्तीन को देश की मान्यता देने का ऐलान किया है. ट्रंप ने इन प्रयास की तीखी आलोचना की. ट्रंप ने कहा कि ऐसा करना हमास के आतंकवादियों के लिए बहुत बड़ा इनाम होगा. उन्होंने कहा, “यह 7 अक्टूबर सहित इन भयानक अत्याचारों के लिए एक पुरस्कार होगा."
  10. फिर से मांग लिया नोबेल- ट्रंप ने फिर से साफ किया कि वह नोबेल शांति पुरस्कार चाहते ही चाहते हैं उन्होंने अपने झूठे दावे को दोहराते हुए कहा कि व्हाइट हाउस में लौटने के बाद से उन्होंने "सात युद्ध समाप्त कर दिए हैं".

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