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ट्रंप के “डेड इकॉनमी” तंज पर रूस का “डेड हैंड” वाला न्यूक्लियर जवाब, आखिर क्या है कयामत की मशीन?

ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में, डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और रूस पर निशाना साधा था और कहा कि उन्हें इसकी परवाह नहीं है कि दोनों देश एक-दूसरे के साथ कैसे निपटते हैं, और वे "अपनी मृत अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लेकर डूब सकते हैं".

ट्रंप के “डेड इकॉनमी” तंज पर रूस का “डेड हैंड” वाला न्यूक्लियर जवाब, आखिर क्या है कयामत की मशीन?
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और रूस की अर्थव्यवस्थाओं को मृत करार देते हुए उनकी आलोचना की थी.
  • पूर्व रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने ट्रंप को परमाणु हथियार कंट्रोल प्रणाली का हिंट देते हुए जवाब दिया.
  • मेदवेदेव ने डेड हैंड नामक परमाणु प्रणाली का जिक्र करते हुए ट्रंप के बयान को खतरनाक बताया है.
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर हद पार की है. उन्होंने भारत और रूस की अर्थव्यवस्था को “मृत” करार देते हुए कहा कि उन्हें फर्क नहीं पड़ता अगर दोनों एक साथ मिलकर अपनी “मृत अर्थव्यवस्था” को लेकर डूब जाएं. अब इसपर उनकी खूब आलोचना हो रही है. रूस की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चेतावनी दी है कि वे उन लोगों के खतरों की उपेक्षा न करें जिन्हें वह "मृत" कहते हैं. दिमित्री मेदवेदेव ने अपने जवाब में ट्रंप को रूस के एक खास परमाणु हथियार प्रणाली की भी याद दिला दी.

नोट- मेदवेदेव ने 2008 से 2012 तक रूस के राष्ट्रपति और 2012 और 2020 तक रूस के प्रधान मंत्री के रूप में भी कार्य किया है. 

ट्रंप का निशाना- मेदवेदेव का परमाणु वाला जवाब

दरअलस ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में, ट्रंप ने भारत और रूस पर निशाना साधा था और कहा कि उन्हें इसकी परवाह नहीं है कि दोनों देश एक-दूसरे के साथ कैसे निपटते हैं, और वे "अपनी मृत अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लेकर डूब सकते हैं". अमेरिकी राष्ट्रपति की यह टिप्पणी भारत से आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ और रूस से खरीदारी करने पर अतिरिक्त जुर्माना लगाने की घोषणा के एक दिन बाद आई थी.

मॉस्को के साथ नई दिल्ली के रक्षा सौदों की आलोचना करते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने "हमेशा अपने अधिकांश सैन्य उपकरण रूस से खरीदे हैं". वे "चीन के साथ रूस के ऊर्जा के सबसे बड़े खरीदार हैं, वो भी ऐसे समय में जब हर कोई चाहता है कि रूस यूक्रेन में हत्या रोक दे."

ट्रंप ने इस सोशल पोस्ट में व्यक्तिगत रूप से मेदवेदेव पर भी निशाना साधा था जब उन्होंने कहा था, "रूस और अमेरिका एक साथ लगभग कोई व्यापार नहीं करते हैं. आइए इसे ऐसे ही रखें, और रूस के असफल पूर्व राष्ट्रपति मेदवेदेव को बताएं, जो सोचते हैं कि वह अभी भी राष्ट्रपति हैं, अपने शब्दों पर नजर रखें. वह बहुत खतरनाक क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं."

मेदवेदेव ने एक प्रतिक्रिया में टेलीग्राम पर लिखा, "जहां तक भारत और रूस की 'मृत अर्थव्यवस्थाओं' और 'खतरनाक क्षेत्र में प्रवेश' के बारे में बात है - शायद उन्हें 'वॉकिंग डेड' के बारे में अपनी पसंदीदा फिल्मों को याद करना चाहिए, और यह भी याद रखना चाहिए कि तथाकथित 'डेड हैंड' कितना खतरनाक हो सकता है, जिसका अस्तित्व ही नहीं है."

ये "डेड हैंड" क्या है?

अब आपका सबसे बड़ा सवाल यही होगा कि आखिर ये 'डेड हैंड' है क्या? 'डेड हैंड' का ऑफिशियल नाम है 'पेरिमीटर' (Perimeter). ये कोल्ड वॉर के समय सोवियत यूनियन यानी आज के रूस द्वारा बनाया गया एक ऑटोमैटिक न्यूक्लियर कंट्रोल सिस्टम है. इसे 'कयामत की मशीन' (Doomsday Machine) भी कहा जाता है. ये काम कैसे करता है? आसान भाषा में समझिए: कल्पना कीजिए, दुश्मन ने रूस पर पहला परमाणु हमला किया और उस हमले में मॉस्को समेत रूस के सारे बड़े शहर और लीडरशिप तबाह हो गई. राष्ट्रपति, रक्षा मंत्री, आर्मी चीफ... जवाबी हमला करने का ऑर्डर देने वाला कोई जिंदा ही नहीं बचा. ऐसी स्थिति में, 'डेड हैंड' सिस्टम अपने आप एक्टिवेट हो जाएगा. ये सेंसर के जरिए चेक करेगा कि क्या देश में परमाणु धमाके हुए हैं? क्या कम्युनिकेशन खत्म हो चुका है? अगर सिस्टम को लगता है कि देश का नेतृत्व खत्म हो चुका है, तो ये सिस्टम खुद-ब-खुद एक कमांड रॉकेट लॉन्च करेगा.

ये रॉकेट पूरे रूस के ऊपर से उड़कर जमीन के नीचे छिपे सभी न्यूक्लियर मिसाइल बेस को जवाबी हमले का कोड भेज देगा. रूस की सारी न्यूक्लियर मिसाइलें अपने आप लॉन्च हो जाएंगी और दुश्मन देश को पूरी तरह तबाह कर देंगी. मतलब, हमें खत्म किया तो तुम भी नहीं बचोगे. ये सिस्टम दुश्मन के मन में खौफ पैदा करने के लिए बनाया गया था. अब मेदवेदेव ने इसी 'डेड हैंड' का जिक्र करके राष्ट्रपति ट्रम्प को एक छिपी हुई चेतावनी दी है.

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