इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सा'र ने रविवार को कहा कि इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम-बंधक समझौते में अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भागीदारी 'बहुत प्रभावशाली' थी. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि ट्रंप ने इजरायल को ऐसा कुछ करने के लिए मजबूर नहीं किया जो वह नहीं करना चाहता था.
इजरायली विदेश मंत्री ने कहा कि ट्रंप ने इजरायल को ऐसा कुछ करने के लिए मजबूर नहीं किया जो वह नहीं करना चाहता था. उन्होंने कहा, “हमने एक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम किया जो हमारे लिए बहुत अहम था, इस लक्ष्य को प्राप्त करने में राष्ट्रपति ट्रंप बहुत मददगार रहे.”
इजरायली मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जिस युद्ध विराम पर सहमति बनी है, वह अस्थायी है. उन्होंने कहा, "हम पहले चरण के दौरान दो सप्ताह से थोड़ा अधिक समय के बाद दूसरे चरण पर बातचीत शुरू करेंगे", लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि "एक चरण से दूसरे चरण में जाना ऑटोमैटिक नहीं है."
सा'र ने कहा, "मैं इस तथ्य को छिपाना नहीं चाहता कि हम इस ढांचे (समझौते) में दर्दनाक कीमत चुका रहे हैं. हत्यारों सहित जेल से आतंकवादियों को रिहा करना बहुत दर्दनाक और कठिन है और इसमें जोखिम भी है. पिछले शुक्रवार को सरकार में हमारी बहुत तकलीफदेह और सच्ची चर्चा हुई... लेकिन मुझे लगता है कि हमने अपने भाइयों और बहनों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के नजरिए से सही निर्णय लिया, जो 15 महीने से अधिक समय से वहां थे."
पहले चरण के दौरान हमास कुल 33 इजरायली बंधकों को रिहा करेगा. मिस्र [युद्धविराम में एक मध्यस्थ] ने शुक्रवार को कहा कि युद्धविराम के पहले छह-सप्ताह के चरण में कुल 1,890 फ़िलिस्तीनियों को रिहा किया जाएगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं