अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अदालत में पेश किए गए दस्तावेजों में कहा है कि वीजा जालसाजी और झूठे बयान देने के मामले में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को आपराधिक मुकदमे से छूट नहीं है।
29 जनवरी की तारीख वाली यह घोषणा अदालत में शुक्रवार को मैनहट्टन के संघीय अभियोजक भारतीय मूल के प्रीत भराड़ा ने सौंपी। इस घोषणा पर विदेश मंत्रालय के कानूनी सलाहकार के कार्यालय के अटॉर्नी सलाहकार स्टीफन केर के हस्ताक्षर हैं।
भराड़ा ने यह घोषणा अपने उस मेमोरंडम के समर्थन में सौंपी, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ अभियोग खारिज किए जाने के खोबरागड़े के 'मोशन' का विरोध किया है।
इसमें कहा गया है कि संघीय अधिकारियों ने 39 वर्षीय खोबरागड़े को पिछले साल 12 दिसंबर को वीजा जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार कर और हिरासत में लेकर कोई गलती नहीं की थी, क्योंकि भारत की उप वाणिज्य महादूत की हैसियत से उन्हें पूर्ण राजनयिक छूट प्राप्त नहीं थी।
विदेश मंत्रालय की घोषणा में कहा गया है कि खोबरागड़े को जब मामले में गिरफ्तार किया गया था, तब उन्हें गिरफ्तारी या हिरासत में रखे जाने से छूट नहीं थी और वर्तमान में अभियोग पत्र में उन पर लगाए गए आरोपों के लिए मुकदमे से भी उन्हें छूट नहीं है।
यह घोषणा उन आठ दस्तावेजों का हिस्सा है, जिन्हें भराड़ा ने खोबरागड़े को मुकदमे से छूट न होने के सबूत के तौर पर पेश की है। यह दस्तावेज भराड़ा के इस तर्क के पक्ष में भी हैं कि देवयानी खोबरागड़े के खिलाफ अभियोग खारिज नहीं किए जाने चाहिए।
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