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This Article is From Mar 22, 2022

"Russia को लेकर India की स्थिति में बदलाव": NDTV से वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी

US India: "लोकतांत्रिक देशों (Democracies) को एक साथ खड़े होकर रूस (Russia) के मामले में अपनी स्तिथी मजबूत करने की ज़रूरत है क्योंकि पुतिन (Putin) ने ऐसे चुनाव किए हैं. लोकतांत्रिक देशों को रूस और चीन (China) जैसे तानाशाही (Autocracies) देशों के खिलाफ खड़ा होना होगा."

"Russia को लेकर India की स्थिति में बदलाव": NDTV से वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी
Ukraine War के बाद US की वरिष्ठ अधिकारी ने NDTV से की Exclusive बात

अमेरिका (US) के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के यह कहने के बाद कि यूक्रेन युद्ध (Ukraine War) को लेकर रूस(Russia) के प्रति भारत (India) का रवैया "डांवाडोल" है, एक प्रमुख अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि "लोकतांत्रिक देशों को एक साथ खड़ा होना होगा और अपनी स्थिति मजबूत करनी होगी". जो बाइडेन ने अमेरिका के प्रतिनिधित्व वाले संगठन, नाटो (NATO), यूरोपियन यूनियन (EU) और प्रमुख एशियाई सहयोगियों की पुतिन के खिलाफ एकजुट मोर्चा खोलने की तारीफ करते हुए यह कहा था. लेकिन क्वाड (QUAD) संगठन में जहां- भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका सदस्य देश हैं वहां भारत (India) ने रूसी तेल (Russian Oil) खरीदना जारी रखा है और संयुक्त राष्ट्र (UN) में रूस की आलोचना करने वाले मतदान में शामिल होने से भी मना कर दिया है.    

एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में NDTV से बात करते हुए अमेरिका में राजनैतिक मामलों की उप सचिव विक्टोरिया नूलैंड ने कहा कि, " लोकतांत्रिक देशों को एक साथ खड़े होकर रूस के मामले में अपनी स्तिथी मजबूत करने की ज़रूरत है क्योंकि पुतिन ने ऐसे चुनाव किए हैं. लोकतांत्रिक देशों को रूस और चीन जैसे तानाशाही देशों के खिलाफ खड़ा होना होगा और भारत को भी यह बता दिया गया है."

मिस नूलैंड ने कहा," हम जानते हैं कि भारत और रूस के ऐतिहासिक संबंध और रक्षा संबंध रहे हैं जब अमेरिका उस तरह के संबंध के लिए तैयार नहीं था. लेकिन अब समय बदल गया है. अमेरिका और यूरोपीय साथी भारत के साथ मजबूत रक्षा और बचाव समझौते करने के इच्छुक हैं. हम हिंद-प्रशांत में एक साथ अधिक काम कर रहे हैं. लेकिन समय क्रूरता और मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों में भी बदला है जो हम देख रहे हैं. 

उन्होंने जोर देकर कहा कि यह समय है जब लोकतांत्रिक देश उस समय एक साथ खड़े हैं जब "रूस और चीन जैसे तानाशाही देश ये दिखा रहे हैं कि सुरक्षा और शांति के लिए वो कितना बड़ा खतरा बन सकते हैं."

मिस नूलैंड ने कहा रूस आक्रमण " द्वेषपूर्ण और अमानवीय" था और अस्पतालों और स्कूलों पर बमबारी की गई. 

उन्होंने आगे कहा, " मुझे लगता है कि भारत के विचार में भी बदलाव आ रहा है, इसीलिए हमारे लिए बात करना ज़रूरी हो जाता है." भारत लगातार अपनी स्तिथी को बेहतर बना रहा है, अमेरिका मदद कर सकता है. 

उन्होंने कहा, हमने भारत के लिए और भी अवसरों पर बात की कि सोवियत जमाने के उपकरणों का क्या रूस के अलावा और कहीं से इंतजाम किया जा सकता है. हम यूक्रेन के लिए अपने सहयोगियों के साथ सुरक्षा की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं जिसमें सोवियत जमाने के उपकरण भी शामिल हैं. अगर भारत अपनी स्थिति बदलता है तो ऐसा हम भारत के साथ भी कर सकते हैं."    

अमेरिका ने कहा जब अमेरिका और दूसरे देश रूस के तेल को खरीदना बंद कर रहे हैं, सभी लोकतांत्रिक साथियों को तुरंत ऐसा करना चाहिए, ऐतिहासिक विरासत की वजह से.

मिस नूलैंड ने NDTV से कहा, "लेकिन हम क्या करना चाहते हैं, हम साथ मिल कर आने वाले वक्त में विकल्प तलाशना चाहते हैं. हम भारत के साथ रक्षा समझौते, उर्जा समझौते करना चाहते हैं, क्योंकि रूस ने दिखा दिखा है कि उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता और वो अंतरर्राष्ट्रीय कानूनों का एक उल्लंघनकर्ता है."

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