पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-एन) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज शरीफ ने गठबंधन सरकार से पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को एक "आतंकवादी संगठन" मानने को कहा है. लाहौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मरियम नवाज शरीफ ने कहा कि सरकार को पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान के साथ उसी तरह से व्यवहार करना चाहिए, जैसे वह एक आतंकवादी संगठन से करती है. उन्होंने कहा, "जिस तरह से सरकार, राज्य एक प्रतिबंधित संगठन, एक आतंकवादी संगठन से निपटता है, इमरान खान से उसी तरह निपटा जाना चाहिए. इसे (पीटीआई) एक राजनीतिक दल के रूप में निपटने की रणनीति को समाप्त करने की जरूरत है."
प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बोला हमला
मरियम नवाज शरीफ ने आगे कहा कि पीटीआई के अध्यक्ष अब सरकार के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि उनकी सभी रणनीति विफल हो गई है. उन्होंने कहा, "सरकार को उनके साथ उसी तरह से पेश आना चाहिए, जैसे वह आतंकवादियों से निपटती है." प्रेस कॉन्फ्रेंस में, पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष ने "राज्य के खिलाफ खुले तौर पर विद्रोह" करने के लिए पूर्व-प्रधानमंत्री पर जमकर निशाना साधा. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, मरियम नवाज का यह बयान इमरान खान के तोशखाना मामले में अपनी गिरफ्तारी का विरोध करने और सैकड़ों समर्थकों से घिरे अपने जमान पार्क स्थित आवास के अंदर से पुलिस और रेंजर्स को चुनौती देने के बाद आया है.
अराजकता फैलाना चाहते हैं...
मरियम ने कहा, "विदेशी फंडिंग मामले के बाद, मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह (इमरान) पाकिस्तान में नागरिक अशांति और अराजकता फैलाना चाहते हैं." उन्होंने कहा, "आतंकवादी जब आतंकवाद को अंजाम देने की योजना बना रहे होते हैं तो क्या करते हैं? वे गुफाओं में छिप जाते हैं और वहीं से आदेश पारित करते हैं." मरियम ने यह भी कहा कि राजनीतिक और लोकतांत्रिक आंदोलनों ने हमेशा देखा है कि राजनीतिक नेता या पार्टी प्रमुख सामने से नेतृत्व करते हैं. वह सबसे आगे रहते हैं और लोग उनके पीछे खड़े हो जाते हैं. मरियम ने कहा कि केवल आतंकवादी संगठनों में "एक गुफा से" आदेश दिए जाते हैं. जमान पार्क में भी कुछ ऐसा ही हो रहा था.
13 मार्च को अदालत में पेश नहीं हुए
तोशखाना मामले में खान को गिरफ्तार करने के लिए पाकिस्तानी पुलिस बल जमान पार्क स्थित उनके आवास पर गया था, जिसके बाद कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. 7 मार्च को, इस्लामाबाद हाई कोर्ट (IHC) ने इमरान के गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट को 13 मार्च तक के लिए निलंबित कर दिया और उन्हें सत्र अदालत में पेश होने का निर्देश दिया. मंगलवार को कार्यवाही शुरू होने पर इमरान के वकील ख्वाजा हारिस ने अदालत को सूचित किया कि उनके मुवक्किल पेश नहीं हो पाएंगे. इमरान के वकील ने कहा, "वह पेश होने से इनकार नहीं कर रहे हैं, लेकिन सुरक्षा खतरों के कारण वह पेश नहीं हो सकते हैं." डॉन की खबर के मुताबिक, उन्होंने याद दिलाया कि आईएचसी ने सत्र अदालत से पीटीआई प्रमुख के खिलाफ कानून के मुताबिक कानूनी कार्रवाई शुरू करने को कहा था, अगर वह 13 मार्च को अदालत में पेश नहीं हुए.
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