चीन की कोरोना वैक्सीन सिनोवैक को WHO से आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली

WHO ने कहा, डब्ल्यूएचओ ने सिनोवैक-कोरोनावैक्स कोविड-19 वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी है.यह कोविड वैक्सीन उत्पादन, सुरक्षा और प्रभावशीलता के अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरती है. 

चीन की कोरोना वैक्सीन सिनोवैक को WHO से आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली

सिनोफार्म (Sinopharm) पहली ऐसी चीनी कंपनी बनी, जिसकी वैक्सीन Sinovac को डब्ल्यूएचओ ने मान्यता दी हो.

जिनेवा:

विश्व स्वास्थ्य संगठन (  WHO) ने चीन की कोरोना वैक्सीन सिनोवैक (China's Covid Vaccine Sinovac) को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी प्रदान कर दी है. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने एक बयान में कहा, डब्ल्यूएचओ ने सिनोवैक-कोरोनावैक्स कोविड-19 वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी है. इसके जरिये वैक्सीन खरीदार देशों, फंड जुटाने वाले संस्थान, खरीद एजेंसियों और समुदायों को यह भरोसा दिया जाता है कि यह कोविड वैक्सीन उत्पादन, सुरक्षा और प्रभावशीलता के अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरती है. 

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सिनोफार्म (Sinopharm) पिछले महीने पहली ऐसी चीनी कंपनी बनी थी, जिसकी वैक्सीन को डब्ल्यूएचओ ने मान्यता दी हो. संगठन ने सिनोवैक्सीन की दो डोज वाले टीके को हरी झंडी दिखाई है, जिसे पहले ही कई देशों में इस्तेमाल किया जा रहा है. अब इस पर अंतरराष्ट्रीय मुहर भी लग गई है. डब्ल्यूएचओ ने फाइजर-बायोनटेक, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन और एस्ट्राजेनेका (Pfizer BioNTech, Moderna, Johnson & Johnson, AstraZeneca) की भारत, साउथ कोरिया और यूरोपीय संघ में अलग-अलग तैयार किए जा रहे टीकों के इमरजेंसी यूज लिस्टिंग भी तैयार की है.

अलग-अलग देशों में तैयार टीके को वह अलग-अलग गणना करता है. इस लिस्टिंग के जरिये देशों के लिए दुनिया भर में किसी वैक्सीन को तेजी से मंजूरी देने के साथ उनके आयात और बंटवारे में आसानी होगी. खासकर ऐसे देशों में जहां, ऐसी वैक्सीन को परखने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की नियामक संस्थाएं मौजूद नहीं हैं.सिनोवैक वैक्सीन का पहले ही 22 देशों में इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन डब्ल्यूएचओ की हरी झंडी मिलने से उसकी विश्वसनीयता और बढ़ जाएगी. चीन के अलावा ब्राजील, इंडोनेशिया, मैक्सिको, थाईलैंड और तुर्की जैसे देशों में इसका इस्तेमाल हो रहा है.

इस मंजूरी से ऐसी वैक्सीनों को अंतरराष्ट्रीय कोवैक्स साझेदारी अभियान में भी शामिल होने की अनुमति मिल जाती है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर में लोगों को समान रूप से वैक्सीन डोज वितरित करना है. खासकर गरीब देशों में. फिलहाल एस्ट्राजेनेका और कुछ फाइजर टीके स्कीम के तहत लाभ उठा रहे हैं. डब्ल्यूएचओ की असिस्टेंट डायरेक्टर जनरल मैरियनगेला सिमाओ ने कहा, दुनिया को बड़े पैमाने पर कोविड-19 की वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है. उन्होंने कहा, हम वैक्सीन निर्माताओं से कोवैक्स फैसिलटी प्रोग्राम में शिरकत करने का अनुरोध करते हैं, ताकि महामारी को नियंत्रण में लाने का साझा प्रयास सफल बनाया जा सके. 

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