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This Article is From Feb 05, 2022

"सफलता देखना चाहते हैं तो अधिक ईमानदारी और लचीलापन दिखाएं": उत्तर कोरिया पर अमेरिका से बोला चीन 

बीजिंग प्योंगयांग मिसाइल प्रक्षेपण की निंदा करने वाले यूएस-मसौदे वाले सुरक्षा परिषद के संयुक्त बयान को रद्द करने के लिए अन्य लोगों के साथ शामिल हो गया है. किम जोंग उन प्रशासन ने जनवरी में सात हथियारों का परीक्षण किया था.

"सफलता देखना चाहते हैं तो अधिक ईमानदारी और लचीलापन दिखाएं": उत्तर कोरिया पर  अमेरिका से बोला चीन 
चीन ने अमेरिका के प्रस्‍ताव पर हस्ताक्षर से इनकार कर दिया है. (फाइल फोटो)

राजनयिकों ने कहा कि चीन (China) के संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में राजदूत ने शुक्रवार को अमेरिका (America) से उत्तर कोरिया (North Korea) के साथ अपने व्यवहार में अधिक लचीला होने का आह्वान किया है. बीजिंग प्योंगयांग मिसाइल प्रक्षेपण की निंदा करने वाले यूएस-मसौदे वाले सुरक्षा परिषद के संयुक्त बयान को रद्द करने के लिए अन्य लोगों के साथ शामिल हो गया है. किम जोंग उन के प्रशासन ने जनवरी में सात हथियारों का परीक्षण किया था, जिसमें 2017 के बाद सबसे शक्तिशाली मिसाइल लॉन्च भी शामिल था. इसके साथ ही संकेत दिया था कि वह लंबी दूरी और परमाणु परीक्षण को फिर से शुरू कर सकता है. 

राजनयिकों ने एएफपी को बताया कि वाशिंगटन ने उन प्रक्षेपणों की निंदा करते हुए एक बयान का प्रस्ताव रखा था. हालांकि चीन और रूस के साथ अन्य देशों ने इस पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जून ने उत्तर कोरिया पर वाशिंगटन के अनुरोध पर बंद कमरे में आयोजित एक बैठक से पहले अमेरिकी अधिकारियों के बारे में कहा, "अगर वे कुछ नई सफलता देखना चाहते हैं, तो उन्हें अधिक ईमानदारी और लचीलापन दिखाना चाहिए."

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झांग ने उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम के शुरुआती नाम के अक्षरों का उपयोग करते हुए संवाददाताओं से कहा, "उन्हें अधिक आकर्षक, अधिक व्यावहारिक, अधिक लचीले दृष्टिकोण, नीतियों और कार्यों के साथ आना चाहिए और DPRK की चिंताओं को स्‍थान देना चाहिए."

चीनी अधिकारी ने उल्लेख किया कि उत्तर कोरिया को लेकर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीति के चलते प्योंगयांग ने परमाणु परीक्षण और अंतरराष्ट्रीय बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण को निलंबित कर दिया था. हालांकि हालिया महीनों को लेकर झांग ने अफसोस जताया और कहा, "हमने टकराव, निंदा, प्रतिबंधों का एक दुष्चक्र देखा है."

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चीन और रूस उत्तर कोरिया पर सुरक्षा परिषद की कार्रवाई को रोकने की कोशिश कर रहे हैं. उन्‍होंने पिछले साल मानवीय आधार पर प्योंगयांग पर प्रतिबंधों को कम करने का प्रस्ताव रखा था. हालांकि समर्थन की कमी के चलते मसौदे को वोट नहीं मिले. झांग ने कहा, "कम से कम हम सुधार करने और तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए कुछ कर रहे हैं."

बैठक के बाद वैश्विक निकाय में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि प्रतिबंधों में ढील देने का चीनी-रूसी प्रस्ताव उत्तर कोरिया को "बुरे व्यवहार" के लिए प्रभावी रूप से पुरस्कृत करेगा. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "इस परिषद के पास एक महीने में नौ परीक्षणों और पिछले वर्षों में लगभग इतने ही परीक्षणों के लिए उन्हें पुरस्कृत करने का कोई कारण नहीं है." उन्‍होंने कहा, "जब आपके लोग भूख से मर रहे हैं, सैन्य परीक्षणों पर लाखों डॉलर खर्च करना दर्शाता है कि इस देश को अपने लोगों की परवाह नहीं है."उत्तर कोरिया पर शुक्रवार की बैठक एक महीने के अंतराल में तीसरी बैठक थी. 

सुरक्षा परिषद के आठ सदस्‍यों- अल्बानिया, ब्राजील, ब्रिटेन, फ्रांस, आयरलैंड, नॉर्वे, यूएई और अमेरिका ने जापान के साथ संयुक्त बयान जारी कर 20 जनवरी को उत्तर कोरिया के परीक्षणों की निंदा की थी. वहीं अन्य सात परिषद सदस्यों - चीन, गैबॉन, घाना, भारत, केन्या, मैक्सिको और रूस ने हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था. 

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