नॉर्थ कोरिया (North Korea) दुनिया को सामने अपनी परमाणु शक्ति (Nuclear Power) के प्रदर्शन पर उतर आया है. इस साल की शुरुआत से ही तानाशाह किम जॉन्ग उन (Kim Jong Un) की अगुवाई में नॉर्थ कोरिया की हिम्मत बढ़ती ही जा रही है. अब नॉर्थ कोरिया ने चार साल बाद अपना सबसे बड़ा परमाणु शक्ति संपन्न टेस्ट किया है और अंतरिक्ष तक मिसाइल दागी है. यह इस महीने नॉर्थ कोरिया का सातवां मिसाइल परीक्षण है. रविवार को नॉर्थ कोरिया ने अपनी ख़तरनाक़ ह्वासोंग-12 9 (Hwasong-12 ) मिसाइल का परीक्षण किया. इस टेस्ट को अंतरर्राष्ट्रीय नियमों के खिलाफ बताया जा रहा है. अमेरिका ने इस उत्तर कोरिया के इस टेस्ट के बाद किम जॉन्ग उन से परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम पर बिना किसी शर्त के सीधी बातचीत करने की अपील की.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जनवरी की शुरुआत उत्तर कोरिया ने नई हायपरसोनिक मिसाइल के लॉन्च से की. अब तक इस महीने उत्तर-कोरिया रेलगाड़ियों और एयरपोर्ट्स से लंबी और छोटी दूरी की मिसाइलों का परीक्षण कर चुका है. इससे यह साफ ज़ाहिर होता है कि परमाणु हथियारों को छोड़ने पर लटकी पड़ी बातचीत के बीच उत्तर कोरिया तेज़ी से अपने हथियारों का ज़खीरा बढ़ाता जा रहा है.
अमेरिका और दक्षिण कोरिया के अधिकारियों का कहना है कि उत्तर कोरिया ने अपनी सबसे लंबी दूरी की अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल ( ICBM)का परीक्षण 2017 से नहीं किया है लेकिन Hwasong-12 के लॉन्च से यह संकेत मिलता है कि एक बार फिर उत्तर-कोरिया यह टेस्ट शुरू कर सकता है.
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया ने यह टेस्ट रविवार को चीन और उत्तर-कोरिया की सीमा पर स्तिथ जगांग एरिया में किया. इसके बाद अमेरिका और साउथ कोरिया के अफसरों ने टेलिफोन पर भी बातचीत की.
अल ज़ज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर कोरिया का कहना है कि उसने अपने पड़ौसी देशों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह टेस्ट किया है. इस टेस्ट में मिसाइल पर एक कैमरा भी लगा हुआ था जिसने स्पेस से तस्वीरें लीं. उत्तर कोरिया द्वारा जारी अंतरिक्ष की तस्वीरों में उत्तर कोरिया और आस-पास का इलाका दिख रहा है. उत्तर कोरिया ने इससे पहले ऐसा टेस्ट 2017 में किया था.
अमेरिका ने इस उत्तर कोरिया के इस टेस्ट के बाद किम जॉन्ग उन से परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम पर बिना किसी शर्त के सीधी बातचीत करने की अपील की. बाइडेन प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा, हमें लगता है कि इसे लेकर गंभीरता से बात करना पूरी तरह से ठीक होगा.
अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने कार्यकाल में कई बार नॉर्थ कोरिया से बातचीत की अपील की है लेकिन नॉर्थ कोरिया हर बार इसे टालता रहा है. उत्तर कोरिया के नेता किम जॉन्ग उन का बाइडेन से पहले के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ तीन बार सम्मेलन हुआ लेकिन ट्रंप ने उत्तर कोरिया से प्रतिबंध हटाने की मांग नहीं मानी थी.
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