चीन ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर पाबंदी लगाने वाली एवं अत्यधिक आलोचना का सामना कर रही अपनी ‘‘जीरो कोविड'' नीति में ढील देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया. देश के कई शहरों में लगे लॉकडाउन के बावजूद कोरोना वायरस संक्रमण के नये मामले तेजी से बढ़ने के मद्देनजर यह फैसला किया गया. राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के उप मंत्री एवं राष्ट्रीय रोग नियंत्रण एवं रोकथाम प्रशासन के प्रशासक वांग हेशेंग ने मीडिया से कहा कि चीन कोरोना वायरस संक्रमण के मौजूदा प्रसार को रोकने के लिए अपनी ‘‘जीरो कोविड'' नीति का अनुपालन करना जारी रखेगा.
आधिकारिक मीडिया ने यहां उन्हें उद्धृत करते हुए कहा कि ‘जीरो मामला नीति' का लक्ष्य यथासंभव सबसे कम समय में महामारी को नियंत्रित करने का है, ताकि समाज को इसकी न्यूनतम कीमत चुकानी पड़े. उन्होंने कहा कि इस रुख का उद्देश्य त्वरित प्रतिक्रिया और लक्षित रोकथाम एवं नियंत्रण है. चीन ओमिक्रॉन स्वरूप की नई लहर के चलते हो रहे संक्रमण को रोकने के लिए गहन एवं लक्षित कोविड रोकथाम व नियंत्रण उपाय कर रहा है. इस नीति के तहत चीन ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर कड़ी पाबंदी लगाई है जिसके चलते कई लाख अंतरराष्ट्रीय छात्र प्रभावित हुए हैं. इस नीति के चलते 23,000 से अधिक भारतीय छात्र भी स्वदेश में अटक गये हैं.
उल्लेखनीय है कि चीन हाल के हफ्तों में कोविड के मामले में सर्वाधिक वृद्धि का सामना कर रहा है, जबकि शेष विश्व में मामलों में अत्यधिक कमी दर्ज की गई है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने शुक्रवार को बताया कि चीन में बृहस्पतिवार को कोविड के 4,292 नये मामले सामने आये थे. वहीं, कोविड के उपचाराधीन मरीजों की संख्या अभी 16,974 है. करीब दो साल पहले कोरोना वायरस के सबसे पहले चीन के वुहान शहर में सामने आने के बाद से देश में महामारी से अब तक 4,636 लोगों की मौत हो चुकी है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं