बीजिंग:
चीन ने गुरुवार को कहा कि भारत के साथ सामरिक संवाद का संबंधों के लिए 'सकारात्मक महत्व' है और दोनों के बीच 'गहन समझौतों' को लेकर सहमति बनी है. हालांकि बीजिंग ने एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत के प्रयास तथा जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित कराने की कोशिश जैसे मुद्दों को लेकर मतभेदों का कोई हवाला नहीं दिया.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने संवाददाताओं से कहा, 'यह संवाद उम्मीद के मुताबिक अपने लक्ष्य तक पहुंचा है और इसका द्विपक्षीय संबंधों को लेकर सकारात्मक महत्व है.' वह चीनी अधिकारियों के साथ विदेश सचिव एस जयशंकर की बातचीत को लेकर अपना आकलन दे रहे थे. जयशंकर ने बीजिंग में भारत-चीन सामरिक संवाद की सह-अध्यक्षता की.
गेंग ने कहा, 'कुल मिलाकर हमारी यह धारणा है कि यह सामरिक संवाद दोस्ताना माहौल में हुआ. दोनों पक्षों ने विचारों का गहन और समग्र आदान-प्रदान किया तथा विस्तृत समझौतों पर सहमति बनी.' उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने अंतरराष्ट्रीय हालात, घरेलू एवं विदेशी नीतियों, परस्पर हित के द्विपक्षीय संबंधों और दूसरे क्षेत्रीय और अंतराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का गहन एवं समग्र आदान-प्रदान किया ताकि व्यापक सहमति जताई. बहरहाल, गेंग ने परमाणु आपूतिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए भारत के प्रयास तथा मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित कराने कर कोशिश जैसे मुद्दों को लेकर मतभेदों का कोई हवाला नहीं दिया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने संवाददाताओं से कहा, 'यह संवाद उम्मीद के मुताबिक अपने लक्ष्य तक पहुंचा है और इसका द्विपक्षीय संबंधों को लेकर सकारात्मक महत्व है.' वह चीनी अधिकारियों के साथ विदेश सचिव एस जयशंकर की बातचीत को लेकर अपना आकलन दे रहे थे. जयशंकर ने बीजिंग में भारत-चीन सामरिक संवाद की सह-अध्यक्षता की.
गेंग ने कहा, 'कुल मिलाकर हमारी यह धारणा है कि यह सामरिक संवाद दोस्ताना माहौल में हुआ. दोनों पक्षों ने विचारों का गहन और समग्र आदान-प्रदान किया तथा विस्तृत समझौतों पर सहमति बनी.' उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने अंतरराष्ट्रीय हालात, घरेलू एवं विदेशी नीतियों, परस्पर हित के द्विपक्षीय संबंधों और दूसरे क्षेत्रीय और अंतराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का गहन एवं समग्र आदान-प्रदान किया ताकि व्यापक सहमति जताई. बहरहाल, गेंग ने परमाणु आपूतिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए भारत के प्रयास तथा मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित कराने कर कोशिश जैसे मुद्दों को लेकर मतभेदों का कोई हवाला नहीं दिया.
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