बीजिंग:
चीन में अलगाववाद को समर्थन देने के आरोप में जेल में बंद दिग्गज बौद्ध भिक्षु को पांच साल बाद जेल से रिहा किया गया है. समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, फ्री तिब्बत संगठन ने शुक्रवार को कहा कि जिग्मे गुरी (50) को बुधवार शाम गांसू प्रांत स्थित जेल से रिहा किया गया. खुफिया पुलिस उन्हें अपने साथ लेकर उनके गृहनगर गई.
गुरी उर्फ लाबरंग जिग्मे उर्फ जिग्मे ग्यात्सो को सजा पूरी होने के दो महीने बाद रिहा किया गया. अधिकारियों ने उन्हें फोटो या वीडियो प्रकाशित करने और उनके परिवार द्वारा तिब्बती परंपरा के अनुसार स्वागत समारोह की मेजबानी करने पर उन्हें गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी है.
गुरी लाबरांग मठ से संबद्ध हैं, जो तिब्बती बौद्ध धर्म के बेहद महत्वपूर्ण केंद्रों में से एक है.
ब्रिटेन में तिब्बती समुदाय के अध्यक्ष पसांग सेरिंग ने कहा, "लाबरांग मठ एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जहां तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं ने तिब्बत में चीन की विनाशकारी नीतियों का विरोध किया था."
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गुरी उर्फ लाबरंग जिग्मे उर्फ जिग्मे ग्यात्सो को सजा पूरी होने के दो महीने बाद रिहा किया गया. अधिकारियों ने उन्हें फोटो या वीडियो प्रकाशित करने और उनके परिवार द्वारा तिब्बती परंपरा के अनुसार स्वागत समारोह की मेजबानी करने पर उन्हें गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी है.
गुरी लाबरांग मठ से संबद्ध हैं, जो तिब्बती बौद्ध धर्म के बेहद महत्वपूर्ण केंद्रों में से एक है.
ब्रिटेन में तिब्बती समुदाय के अध्यक्ष पसांग सेरिंग ने कहा, "लाबरांग मठ एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जहां तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं ने तिब्बत में चीन की विनाशकारी नीतियों का विरोध किया था."
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