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'ताइवान का चीन में विलय होकर रहेगा'... जिनपिंग ने 2026 के संदेश में दिखाए तेवर, ब्रह्मपुत्र बांध का भी जिक्र

ताइवान को लेकर जिनपिंग का यह बयान ऐसे समय आया है, जब चीनी सेना ताइवान के पास सघन युद्धाभ्यास कर रही है.

'ताइवान का चीन में विलय होकर रहेगा'... जिनपिंग ने 2026 के संदेश में दिखाए तेवर, ब्रह्मपुत्र बांध का भी जिक्र
  • जिनपिंग ने कहा कि चीन-ताइवान के लोग खून और बंधुत्व के अटूट बंधन से जुड़े हैं. मातृभूमि का मिलन समय की मांग है
  • कहा कि यारलुंग जांग्बो (ब्रह्मपुत्र) पर 170 अरब डॉलर के हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का निर्माण शुरू हो गया है
  • जिनपिंग ने नए साल के संबोधन में चीन की सैन्य, आर्थिक और तकनीकी क्षमताओं का भी जिक्र किया
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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बुधवार को नए साल के अपने संबोधन में कई महत्वपूर्ण बातें कहीं. उन्होंने साफ कहा कि ताइवान के चीन में एकीकरण को कोई नहीं रोक सकता. इसके अलावा उन्होंने ब्रह्मपुत्र नदी पर बनाए जा रहे दुनिया के सबसे बड़े डैम का भी जिक्र किया. 

ताइवान को लेकर चीनी राष्ट्रपति ने क्या कहा?

जिनपिंग ने नए साल 2026 पर राष्ट्र के नाम अपने टीवी संदेश में कहा कि ताइवान जलडमरूमध्य (Taiwan Strait) के दोनों तरफ रहने वाले चीन के लोग खून और बंधुत्व के अटूट बंधन से जुड़े हैं.  शी ने आगे कहा, "हमारी मातृभूमि का पुनर्मिलन समय की मांग है और इसे रोका नहीं जा सकता."

युद्धाभ्यास के बीच जिनपिंग का बड़ा बयान

ताइवान को लेकर जिनपिंग का यह बयान ऐसे समय आया है, जब चीनी सेना ताइवान के पास सघन युद्धाभ्यास कर रही है. इसे लड़ाकू विमानों, विमान वाहक पोतों और ड्रोनों के साथ उसका सबसे बड़ा युद्धाभ्यास बताया जा रहा है. 2022 के बाद यह छठा मौका है, जब चीन ताइवान के पास युद्धाभ्यास करके अपनी सैन्य ताकत दिखा रहा है.

जिनपिंग ने ब्रह्मपुत्र पर बनाए जा रहे बांध का भी अपने संबोधन में जिक्र किया. उन्होंने कहा कि तिब्बत के निचले इलाकों में यारलुंग जांग्बो (ब्रह्मपुत्र) पर 170 अरब डॉलर की लागत वाले हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का निर्माण शुरू हो गया है. बता दें कि अरुणाचल प्रदेश की सीमा के बेहद करीब बनाया जा रहा यह विशालकाय बांध पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में बन रहा है. इससे भारत और बांग्लादेश जैसे निचले तटीय राज्यों में अचानक बाढ़ आने या पानी की कमी होने का बड़ा खतरा मंडराने लगा है.

चीन की सैन्य ताकत की सराहना की

शी जिनपिंग ने अपने संबोधन में चीन की सैन्य, आर्थिक और तकनीकी क्षमताओं का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रो मैग्नेटिक कैटपुल्ट सिस्टम से लैस चीन का पहला एयरक्राफ्ट कैरियर फूजियान सेना में शामिल हो चुका है. यह दुनिया में अमेरिका के यूएसएस जेराल्ड आर फोर्ड के बाद दूसरा ऐसा विमानवाहक पोत है. 

वैश्विक संघर्षों में चीन की स्थिति पर क्या कहा?

वैश्विक संघर्षों पर बात करते हुए शी जिनपिंग ने दावा किया कि चीन हमेशा सही पक्ष के साथ खड़ा रहता है और वैश्विक शांति के लिए साझा भविष्य बनाने को तैयार है. उन्होंने चीन की तकनीकी प्रगति का गर्व के साथ जिक्र करते हुए बताया कि किस तरह देश में बने ह्युमनॉइड रोबोट कुंग फू कर रहे हैं, एआई में ड्रोन्स नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि सुस्त पड़ती वैश्विक अर्थव्यवस्था के बावजूद चीन की जीडीपी इस साल 20 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के पार पहुंचने की उम्मीद है.

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