पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के आरोपों को लेकर संसद भंग होने के बाद रविवार को तेजी से बदलते सियासी घटनाक्रम पर चीन काफी करीब से नजर बनाये हुए है. इमरान खान ने आरोप लगाया था कि उनकी सरकार के खिलाफ विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने के पीछे अमेरिका का हाथ है. हालांकि, अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सरकारी मीडिया में अमेरिका पर लगाये गये इमरान खान के आरोपों को उछाला जा रहा है. नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सुरी ने इन्हीं आरोपों को कारण बताकर विपक्षी दलों द्वारा सरकार के खिलाफ लाये गए संयुक्त अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया.
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, इस्लामाबाद में राजनीतिक नौटंकी के बीच पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने इमरान खान की सिफारिश पर संसद को भंग कर दिया. सिन्हुआ ने भी इमरान के विदेशी साजिश वाले आरोपों को उछाला है.
चीन ने सभी राजनीतिक दलों से स्थिरता और विकास के हित में आपस में मिलकर रहने की अपील की है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने 31 मार्च को कहा था, ‘चीन हमेशा दूसरे देश के आंतरिक मामलों में गैर-हस्तक्षेप के सिद्धांत का पालन करता है.'
यह पूछे जाने पर कि क्या चीन संसद में इमरान खान की संभावित हार और नेतृत्व परिवर्तन के बीजिंग पर पड़ने वाले प्रभाव से चिंतित है. इस पर वांग ने कहा, ‘पाकिस्तान के सदाबहार रणनीतिक सहयोगी, साझेदार तथा मित्र पड़ोसी के रूप में चीन को पूरी उम्मीद है कि पाकिस्तान में सभी पक्ष एकजुटता बरकरार रख सकते हैं और संयुक्त रूप से विकास और स्थिरता को कायम रखेंगे.'
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