चीनी विदेश मंत्री वांग यी पाकिस्तान के नेतृत्व के साथ बातचीत करने तथा चीन, पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान की त्रिपक्षीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान की यात्रा पर जायेंगे. वांग की इस्लामाबाद यात्रा इस मायने से अहम है कि पाकिस्तान पांच अगस्त को भारत द्वारा जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के बाद से कश्मीर मुद्दा जोर-शोर से उठाने की कोशिश में जुटा है.
चीन के विदेश मंत्रालय ने घोषणा की कि पाकिस्तान के बाद वांग द्विपक्षीय वार्ता के लिए नेपाल की यात्रा करेंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने बताया कि चीन के स्टेट काउंसलर वांग सात सितंबर से लेकर 10 सितंबर तक पाकिस्तान एवं नेपाल की यात्रा करेंगे.
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पाकिस्तान के मित्र चीन ने पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दा उठाया था. लेकिन बंद कमरे के अंदर हुई सुरक्षा परिषद की बैठक बिना किसी नतीजे या बयान के समाप्त हो गयी जो चीन और पाकिस्तान के लिए एक झटका था.
ऐसा जान पड़ता है कि वांग की पाकिस्तान यात्रा का अगले हफ्ते राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ 22 वें दौर की सीमा वार्ता के लिए उनकी निर्धारित भारत यात्रा पर नकारात्मक असर हो सकता है.
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चीन के अधिकारियों ने दावा कि उनकी भारत यात्रा के संबंध मे ‘तारीख को लेकर कुछ मुद्दे' हैं.
गेंग ने कहा , ‘‘चीन-पाकिस्तान सहयोगी साझेदार हैं और दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध है. दोनों के बीच उच्च स्तरीय आदान-प्रदान होता है तथा क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर उनके बीच परस्पर सहयोग एवं समन्वय गहरा होता है.''
उन्होंने कहा, ‘‘ इस यात्रा से हमारे नेताओं के बीच बनी सहमतियां लागू होंगी, दोस्ती एवं परस्पर विश्वास मजबूत होगी एवं चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के गुणवत्तापूर्ण विकास को बढ़ावा मिलेगा तथा अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा. हम दोनों देशों के साझे भविष्य के लिए और एक दूसरे के करीब आयेंगे.''
इस्लामाबाद में चीन-अफगानिस्तान-पाकिस्तान विदेश मंत्री वार्ता ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को हटाने के संबंध में तालिबान के साथ समझौते के दहलीज पर है.
वांग पाकिस्तान से नेपाल जायेंगे जहां चीन ने हाल के वर्षों में निवेश बढ़ा दिया है. विशाल कनेक्टिविटी परियोजनाओं से नेपाल में चीन का प्रभाव बढ़ गया और भारत का प्रभाव घट गया है.
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