PoK से गुजरने वाले आर्थिक कॉरिडोर के मामले में भारत को 'तीसरा देश' बताया चीन ने- फाइल फोटो
बीजिंग:
चीन ने कहा है कि पाक-अधिकृत कश्मीर से होकर गुज़रने वाली उसकी महत्वाकांक्षी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना भारत के खिलाफ नहीं है, और इस संदर्भ में चीन ने भारत का नाम लिए बिना उसे 'बाहरी' या 'तीसरा देश' करार दिया. चीन ने कहा कि परियोजना को किसी 'तीसरे देश' द्वारा प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए. चीन ने यह बात 50 अरब अमेरिकी डॉलर की परियोजना का अफगानिस्तान तक विस्तार करने की पेशकश किए जाने के एक दिन बाद कही.
भारत और पाकिस्तान से नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने के लिए चीन ने किया आग्रह
चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के विदेशमंत्रियों की बुधवार को हुई पहली त्रिपक्षीय बैठक में चीन ने सीपीईसी का विस्तार अफगानिस्तान तक करने की पेशकश की थी. तीनों पक्षों ने आतंकवाद-रोधी सहयोग बढ़ाने और किसी भी देश, समूह या व्यक्ति को आतंकवाद के लिए अपनी सरज़मीं का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देने का संकल्प जताया था.
चीनी विदेशमंत्री वांग यी के अतिरिक्त पाकिस्तान और अफगानिस्तान से उनके समकक्षों क्रमश: ख्वाजा आसिफ और सलाहुद्दीन रब्बानी ने बैठक में हिस्सा लिया. सीपीईसी का अफगानिस्तान तक विस्तार करने की चीन की योजना पर भारत में पैदा हुई चिंताओं से संबंधित ख़बरों के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि परियोजना का विस्तार किसी 'तीसरे देश' को लक्षित करके नहीं किया जा रहा है.
VIDEO- ब्रह्मपुत्र नदी का पानी गंदा और काला क्यों?
उन्होंने कहा कि परियोजना तीनों देशों के साझा हितों की पूर्ति करेगी. उन्होंने कहा, "यह सहयोग किसी देश और पक्ष के खिलाफ नहीं है... किसी भी देश के द्वारा वार्ता और सहयोग को प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए..." हालांकि, हुआ ने सीधे तौर पर भारत का नाम नहीं लिया. वह सीपीईसी के बारे में भारत की चिंताओं से संबंधित ख़बरों पर एक सवाल का जवाब दे रही थीं.
इनपुट : भाषा
भारत और पाकिस्तान से नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने के लिए चीन ने किया आग्रह
चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के विदेशमंत्रियों की बुधवार को हुई पहली त्रिपक्षीय बैठक में चीन ने सीपीईसी का विस्तार अफगानिस्तान तक करने की पेशकश की थी. तीनों पक्षों ने आतंकवाद-रोधी सहयोग बढ़ाने और किसी भी देश, समूह या व्यक्ति को आतंकवाद के लिए अपनी सरज़मीं का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देने का संकल्प जताया था.
चीनी विदेशमंत्री वांग यी के अतिरिक्त पाकिस्तान और अफगानिस्तान से उनके समकक्षों क्रमश: ख्वाजा आसिफ और सलाहुद्दीन रब्बानी ने बैठक में हिस्सा लिया. सीपीईसी का अफगानिस्तान तक विस्तार करने की चीन की योजना पर भारत में पैदा हुई चिंताओं से संबंधित ख़बरों के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि परियोजना का विस्तार किसी 'तीसरे देश' को लक्षित करके नहीं किया जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि परियोजना तीनों देशों के साझा हितों की पूर्ति करेगी. उन्होंने कहा, "यह सहयोग किसी देश और पक्ष के खिलाफ नहीं है... किसी भी देश के द्वारा वार्ता और सहयोग को प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए..." हालांकि, हुआ ने सीधे तौर पर भारत का नाम नहीं लिया. वह सीपीईसी के बारे में भारत की चिंताओं से संबंधित ख़बरों पर एक सवाल का जवाब दे रही थीं.
इनपुट : भाषा
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