चिली की राष्ट्रपति मिशेल बैशलेट (फाइल फोटो)
रैंकागुआ (चिली):
चिली की राष्ट्रपति मिशेल बैशलेट की बहू के खिलाफ एक औपचारिक कर मामले में देश की एक स्थानीय अदालत की ओर से आरोप लगाए जाने के बाद वाम नेता की आंखें नम हो गईं और उन्होंने स्वीकार किया कि यह बेहद ‘दर्दनाक’ अग्निपरीक्षा है।
एक साल पहले मामला सामने आने के बाद चिली की जनता हतप्रभ हो गई थी क्योंकि भ्रष्टाचार का मूल्यांकन करने वाली संस्था ‘ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल’ ने लैटिन अमेरिका के भ्रष्ट देशों में चिली को सबसे कम भ्रष्टाचार वाले देश की रैंकिंग में रखा था।
रैंकागुआ के मध्य शहर में स्थित अदालत ने मिशेल बैशलेट की बहू नतालिया कॉम्पैग्नन के देश छोड़कर जाने पर प्रतिबंध लगाते हुए न्यायाधीशों के जांच के दौरान एक साल के लिए हर महीने पुलिस को सूचित करते रहने का भी आदेश दिया।
फैसले के बाद रूंधे स्वर में बैशलेट ने शुक्रवार को कहा, ‘मैं दिल से आपको बताना चाहती हूं कि यह मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत मुश्किल भरा और पीड़ादायी समय है।’ कॉम्पैग्नन का विवाह बैशलेट के पुत्र सेबेस्टियन डावलोस से हुआ है जो इससे पहले अपनी मां की सरकार में बगैर वेतन काम कर चुके हैं।
बैशलेट की बहू कॉम्पैग्नन एक रियल इस्टेट कंपनी ‘कैवल’ के मालिकों में से एक हैं और जमीन की खरीद मामले में कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर कंपनी की जांच की जा रही है। अदालत ने यह भी कहा कि कंपनी में कॉम्पैग्नन के सहयोगी मॉरिशियो वैलेरो को एक साल के लिए घर में नजरबंद रखा जाएगा। मामले में कुल 13 संदिग्धों पर नशीले पदार्थों के धंधे के लिए उकसाने, रिश्वतखोरी और कर धोखाधड़ी का आरोप है।
आलोचकों ने कॉम्पैग्नन को जेल भेजने की मांग करते हुए कहा कि फैसले में भी बहुत नरमी बरती गई। सुरक्षाकर्मी जब कॉम्पैग्नन को अदालत से ले जा रहे थे तब गुस्साई भीड़ उन्हें देखकर ‘चोर’ कहा।
वर्ष 2014 में अपने मौजूदा कार्यकाल के लिए चुने जाने पर बैशलेट ने चिली में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का वादा किया था। इससे पहले वह 2006 से 2010 तक राष्ट्रपति रही थीं और कैवल मामले के कारण उनकी लोकप्रियता रेटिंग में रिकॉर्ड करीब 20 फीसदी की गिरावट आई है।
एक साल पहले मामला सामने आने के बाद चिली की जनता हतप्रभ हो गई थी क्योंकि भ्रष्टाचार का मूल्यांकन करने वाली संस्था ‘ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल’ ने लैटिन अमेरिका के भ्रष्ट देशों में चिली को सबसे कम भ्रष्टाचार वाले देश की रैंकिंग में रखा था।
रैंकागुआ के मध्य शहर में स्थित अदालत ने मिशेल बैशलेट की बहू नतालिया कॉम्पैग्नन के देश छोड़कर जाने पर प्रतिबंध लगाते हुए न्यायाधीशों के जांच के दौरान एक साल के लिए हर महीने पुलिस को सूचित करते रहने का भी आदेश दिया।
फैसले के बाद रूंधे स्वर में बैशलेट ने शुक्रवार को कहा, ‘मैं दिल से आपको बताना चाहती हूं कि यह मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत मुश्किल भरा और पीड़ादायी समय है।’ कॉम्पैग्नन का विवाह बैशलेट के पुत्र सेबेस्टियन डावलोस से हुआ है जो इससे पहले अपनी मां की सरकार में बगैर वेतन काम कर चुके हैं।
बैशलेट की बहू कॉम्पैग्नन एक रियल इस्टेट कंपनी ‘कैवल’ के मालिकों में से एक हैं और जमीन की खरीद मामले में कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर कंपनी की जांच की जा रही है। अदालत ने यह भी कहा कि कंपनी में कॉम्पैग्नन के सहयोगी मॉरिशियो वैलेरो को एक साल के लिए घर में नजरबंद रखा जाएगा। मामले में कुल 13 संदिग्धों पर नशीले पदार्थों के धंधे के लिए उकसाने, रिश्वतखोरी और कर धोखाधड़ी का आरोप है।
आलोचकों ने कॉम्पैग्नन को जेल भेजने की मांग करते हुए कहा कि फैसले में भी बहुत नरमी बरती गई। सुरक्षाकर्मी जब कॉम्पैग्नन को अदालत से ले जा रहे थे तब गुस्साई भीड़ उन्हें देखकर ‘चोर’ कहा।
वर्ष 2014 में अपने मौजूदा कार्यकाल के लिए चुने जाने पर बैशलेट ने चिली में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का वादा किया था। इससे पहले वह 2006 से 2010 तक राष्ट्रपति रही थीं और कैवल मामले के कारण उनकी लोकप्रियता रेटिंग में रिकॉर्ड करीब 20 फीसदी की गिरावट आई है।
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