उत्तरी अमेरिकी देश कनाडा में इस समय राजनीतिक अस्थिरता मची हुई है. जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने अपनी लिबरल पार्टी के सांसदों के बढ़ते दबाव के बाद आखिरकार सोमवार शाम को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया. उन्होंने लिबरल पार्टी (Liberal Party) के लीडर का पद भी छोड़ दिया है. हालांकि, ट्रूडो पार्टी का नया नेता चुने जाने तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे. लिबरल पार्टी का नेता चुनने की जिम्मेदारी सचित मेहरा (Sachit Mehra) को दी गई है. ट्रूडो सरकार का कार्यकाल इस साल अक्टूबर तक है. लेकिन, उनके इस्तीफे के बाद ऐसा माना जा रहा है कि कनाडा में जल्द चुनाव (Canada Elections 2025) कराए जा सकते हैं.
आइए जानते हैं कौन हैं सचित मेहरा? लिबरल पार्टी का नया नेता चुनने की जिम्मेदारी उन्हें क्यों दी गई? कनाडा के इलेक्शन में उनका क्या रोल रहेगा? ट्रूडो के इस्तीफे के बाद कनाडा में अब आगे क्या होना है:-
कनाडा के पीएम ट्रूडो को क्यों छोड़ रहे उनके मंत्री, क्या है पीछे की कहानी, यहां समझिए
कौन हैं सचित मेहरा?
सचित मेहरा भारतीय मूल के कनाडाई बिजनेसमैन हैं. वह फिलहाल लिबरल पार्टी के प्रेसिडेंट हैं. उनके पिता दिल्ली के रहने वाले थे. 1960 के दशक में वो कनाडा शिफ्ट हो गए थे. कनाडा के विन्निपेग और ओटावा शहर में उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी रेस्टोरेंट्स के नाम से रेस्रां चेन की शुरुआत की. सचित मेहरा फिलहाल इस फैमिली बिजनेस को संभाल रहे हैं.
सचित ईस्ट इंडिया कंपनी रेस्टोरेंट्स के मालिक होने होने के साथ-साथ दूसरे बिजनेस में भी एक्टिव हैं. वह कम्युनिटी डेवलपमेंट में भी काफी दिलचस्पी लेते हैं. सचित मेहरा के LinkedIn प्रोफाइल के मुताबिक, वह कनाडा के मैनिटोबा में रहते हैं. वह कम्युनिटी रिलेशंस के वाइस चेयरमैन भी हैं. 1994 से वह अपना फैमिली बिजनेस संभाल रहे हैं.
आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए किया काम
सचित मेहरा 2013 से 2016 तक विन्निपेग डाउनटाइन बिज के प्रेसिडेंट रहे हैं. इस दौरान उन्होंने इकोनॉमिक डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए कई काम किए.
चैरिटी के लिए जुटाते हैं फंड
सचित मेहरा चैरिटी के लिए फंड जुटाने का काम भी करते हैं. उन्होंने चैरिटी फंडरेजर मसाला मिक्सर इवेंट की अध्यक्षता भी की थी. इस इवेंट में विक्टोरिया जनरल हॉस्पिटल और अल्जाइमर एसोसिएशन ऑफ मैनिटोबा के लिए 75,000 यूएस डॉलर से ज्यादा का फंड जुटाया गया था. मेहरा 2021 में कोविड महामारी के दौरान फंड जुटाने के कैंपेन में भी शामिल रहे हैं. मेहरा हिंदी और पंजाबी बोलना जानते हैं.
क्या अमेरिका का 51वां राज्य बनेगा कनाडा ? बहुत कुछ बयां करता है डोनाल्ड ट्रंप का ये बयान
कब ज्वॉइन की लिबरल पार्टी?
सचित मेहरा को बिजनेस के साथ-साथ पॉलिटिक्स में भी दिलचस्पी रही है. उन्होंने 2019 में लिबरल पार्टी ज्वॉइन की. साल 2023 में वो इस पार्टी के प्रेसिडेंट चुने गए थे. अब ट्रूडो के इस्तीफे के बाद वह लिबरल पार्टी में नए नेता के चुनाव के लिए जल्द ही मीटिंग बुलाएंगे.
लिबरल पार्टी में कितना बड़ा ओहदा?
सचित मेहरा, लिबरल पार्टी में जस्टिन ट्रूडो के बाद नंबर 2 थे. वह लिबरल पार्टी के नेशनल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में भी शामिल हैं. पार्टी प्रेसिडेंट होने के नाते उन पर पार्टी की सदस्यता बढ़ाने, फंडिंग बढ़ाने, पार्टी के लिए कैपेंन तय करने और पार्टी वर्कर्स को इलेक्शन के लिए तैयार करने की जम्मेदारी है.
कैसे करेंगे नए नेता का चुनाव?
जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद जाहिर तौर पर सचित मेहरा पर पार्टी का नया नेता चुनने की जिम्मेदारी आ गई है. उनपर जिम्मेदारी है कि वह एक ऐसा चेहरा चुने, जो सभी को स्वीकार्य हो. ऐसा नेता, जो सभी को साथ लेकर चले और लिबरल पार्टी के सिद्धांतों को आगे रखे. नाम शॉर्टलिस्ट होने पर वोटिंग कराई जाएगी. फिर कैंडिडेट का ऐलान होगा.
कनाडा में ट्रूडो का गेम ओवर! भारत के लिए यह गुड न्यूज क्यों है, समझिए
नए नेता की रेस में कौन-कौन?
जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद लिबरल पार्टी के नए नेता की रेस में पूर्व डिप्टी PM क्रिस्टीया फ्रीलैंड, पूर्व सेंट्रल बैंकर मार्क कार्नी, ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर अनिता आनंद शामिल हैं.
देश के नाम संबोधन में ट्रूडो ने क्या कहा?
-जस्टिन ट्रूडो ने कहा, "कनाडा अगले इलेक्शन के लिए एक बेहतर ऑप्शन का हकदार है. मैं वो ऑप्शन नहीं हूं. अगर मुझे अपने घर में ही लड़ाई लड़नी पड़े, तो मैं समझता हूं कि 2025 के इलेक्शन के लिए मैं अच्छा ऑप्शन बिल्कुल नहीं हूं. लेकिन फाइटर हूं और मेरी लड़ाई जारी रहेगी."
-ट्रूडो ने कहा, "मैं नए लीडर का चयन होने तक कार्यवाहक PM बना रहूंगा. मुझे पूरी उम्मीद है कि नया प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी का नया लीडर इस इलेक्शन में अपने मूल्यों और आदर्शों को लेकर आगे जाएगा. कनाडा को आगे लेकर जाएगा."
आखिर क्यों देना पड़ा PM पद से इस्तीफा, जानिए अपने ही जाल में कैसे फंसे जस्टिन ट्रूडो
- उन्होंने कहा, "सच तो ये है कि मेरी तमाम कोशिशों के बाद भी कनाडा की संसद पैरालाइज बनी हुई है. लेकिन, मैं एक फाइटर हूं. मुझे मेरे देश कनाडा की फिक्र है और रहेगी. मैं अपने देश की बेहतरी के लिए लड़ता रहा हूं. ये लड़ाई आगे भी जारी रहेगी."
-जस्टिन ट्रूडो ने कहा, "लिबरल पार्टी के भीतर आंतरिक लड़ाइयां थीं, जिसके कारण मुझे पार्टी प्रमुख और कनाडाई PM के रूप में पद छोड़ने का फैसला लेना पड़ा." 53 वर्षीय ट्रूडो ने कहा, "मैंने मेरी पूर्व पत्नी और बच्चों के साथ लंबी चर्चा के बाद PM पद छोड़ने का फैसला लिया है." ट्रूडो सरकार का कार्यकाल अक्टूबर तक था. ऐसे में माना जा रहा है कि कनाडा में जल्द चुनाव कराए जा सकते हैं.
'पलटीबाजी' कनाडा की पूरी कुंडलीः आरोप लगाकर मुकर जाना ट्रूडो की अदा है, यहां देखिए तो जरा
कनाडा में अब आगे क्या?
कनाडाई संसद का सत्र 27 जनवरी से शुरू होना था. लेकिन ट्रूडो ने अपने इस्तीफे के साथ ही इसपर फिलहाल के लिए फुल स्टॉप लगा दिया है. ट्रूडो ने कहा कि अब कनाडाई संसद का सेशन मार्च में होगा. लिबरल पार्टी पहले से अल्पमत में है. ऐसे में संसद का सेशन शुरू होते ही लिबरल पार्टी को विश्वास मत का सामना करना पड़ सकता है. मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए बहुत साफ है कि लिबरल पार्टी को बाकी पार्टियों का सपोर्ट नहीं मिलेगा. ऐसे में वह विश्वास मत हार जाएगी. ऐसे में कनाडा में नई पार्टी की सरकार बननी तय है.
कनाडा में किसके पास कितनी सीटें?
कनाडा की संसद हाउस ऑफ कॉमन्स (लोकसभा) में 338 सीटें है. बहुमत का आंकड़ा 170 है. लिबरल पार्टी के 153 सांसद हैं. पिछले साल खालिस्तानी समर्थक कनाडाई सिख सांसद जगमीत सिंह की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) ने ट्रूडो सरकार से अपने 25 सांसदों का समर्थन वापस ले लिया था.
NDP से गठबंधन टूटने की वजह से ट्रूडो सरकार अल्पमत में आ गई थी. हालांकि, 1 अक्टूबर को हुए फ्लोर टेस्ट में ट्रूडो की लिबरल पार्टी को एक दूसरी पार्टी का समर्थन मिल गया था. ट्रूडो की विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी के पास 120 सीटें हैं.
कब है चुनाव?
कनाडा में इस साल अक्टूबर में फेडरल इलेक्शन हैं. लेकिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद बहुत संभावना है कि इलेक्शन समय से पहले कराए जाए.
पियरे पोइलिवरे कौन हैं?
पियरे पोइलिवरे कनाडा की कंजर्वेटिव पार्टी के नेता हैं. कनाडा इलेक्शन को लेकर हाल में हए सर्वे उन्हें कनाडा के अगले प्रधान मंत्री बनने के लिए प्रबल दावेदार बताया गया है. 2022 में अपनी पार्टी संभालने के बाद से पियरे पोइलिवरे, ट्रूडो के कट्टर प्रतिद्वंद्वी रहे हैं. पोइलिवरे ने खुद को एंटी एलिट यानी अभिजात्य-विरोधी और एंटी ट्रूडो यानी ट्रूडो का विरोधी बताया है.
क्या अमेरिका का 51वां राज्य बनेगा कनाडा ? बहुत कुछ बयां करता है डोनाल्ड ट्रंप का ये बयान
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं