कनाडा : दुर्घटना में 16 खिलाड़ियों की जान लेने वाले भारतीय मूल के ट्रक ड्राइवर की निर्वासन के खिलाफ अपील खारिज

जज ने ट्रक ड्राइवर के कनाडा में रहने के आवेदन को खारिज कर दिया, जिन्हें खतरनाक ड्राइविंग के आरोपों में दोषी ठहराया गया था.सिद्धू को इस मामले में आठ साल जेल की सजा सुनाई गई थी.

कनाडा : दुर्घटना में 16 खिलाड़ियों की जान लेने वाले भारतीय मूल के ट्रक ड्राइवर की निर्वासन के खिलाफ अपील खारिज

भारतीय मूल के ट्रक ड्राइवर ने दुर्घटना में 16 हॉकी खिलाड़ियों की जान ले ली थी...

खास बातें

  • ट्रक की बस से टक्कर में 16 हॉकी खिलाड़ियों की मौत
  • जसकीरत को हुई थी 8 साल जेल की सजा
  • कनाडा में रुकने की नहीं मिली इजाजत

कनाडा में हम्बोल्ट ब्रोंकोस बस दुर्घटना के मुख्य आरोपी भारतीय मूल के ट्रक ड्राइवर जसकीरत सिंह सिद्धू (Jaskirat Singh Sidhu) भारत में अपने निर्वासन के खिलाफ कनाडा में केस हार गया है. कोर्ट ने ट्रक ड्राइवर जसकीरत के आवेदन को खारिज कर दिया है और उसे खतरनाक ड्राइविंग के आरोपों में दोषी ठहराया है. दरअसल, ट्रक-बस दुर्घटना में 16 लोगों की जान चली गई थी और 13 लोग घायल हुए थे.

जज ने जसकीरत का आवेदन खारिज किया

जज ने ट्रक ड्राइवर के कनाडा में रहने के आवेदन को खारिज कर दिया, जिन्हें खतरनाक ड्राइविंग के आरोपों में दोषी ठहराया गया था.सिद्धू को इस मामले में आठ साल जेल की सजा सुनाई गई थी. दुर्घटना से 1 महीने से भी कम समय पहले ही उन्होंने ये नौकरी ज्वाइन की थी. यह दुर्घटना 6 अप्रैल 2018 को सस्केचेवान राजमार्ग 335 के चौराहे पर हुई थी.

16 हॉकी खिलाड़ियों की गई थी जान

सीबीसी न्यूज के अनुसार, नवविवाहित  और स्थायी निवासी सिद्धू ने हॉकी क्लब के खिलाड़ियों को ले जा रही बस को ट्रक से टक्कर मार दी थी. इसमें 16 खिलाड़ियों की मौत हो गई थी. इस साल की शुरुआत में सिद्धू को पैरोल दी गई थी और कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी ने उनके निर्वासन की सिफारिश की थी.

सिद्धू के वकील माइकल ग्रीन ने सितंबर में अदालत के समक्ष दलील दी थी कि सीमा सेवा अधिकारियों ने सिद्धू के घटना से पहले के साफ आपराधिक रिकॉर्ड और पश्चाताप पर विचार नहीं किया. सग्रीन ने आगे आग्रह किया कि एजेंसी को मामले की दोबारा समीक्षा करने और निर्णय को रद्द करने का आदेश दिया जाए.

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मुख्य न्यायाधीश पॉल क्रैम्पटन ने अपने फैसले में लिखा, "इस अदालत में सिद्धू के आवेदन के पीछे तथ्य इस घटना के पीड़ितों के साथ अन्याय होगा. कई लोगों की जान चली गई, कई घर टूट गए और बहुतों की उम्मीदें और सपने चकनाचूर हो गए.