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दुनिया का सबसे बुजुर्ग राष्ट्रपति 92 साल की उम्र में फिर लड़ेगा चुनाव- 8वीं बार कुर्सी पर बैठने की तैयारी

कैमरून के 92 वर्षीय राष्ट्रपति पॉल बिया की उम्र को देखते हुए, राष्ट्रपति का स्वास्थ्य और शासन करने की उनकी क्षमता देश में बहस का विषय बन गई है.

दुनिया का सबसे बुजुर्ग राष्ट्रपति 92 साल की उम्र में फिर लड़ेगा चुनाव- 8वीं बार कुर्सी पर बैठने की तैयारी
कैमरून के राष्ट्रपति पॉल बिया की फाइल फोटो
  • कैमरून के 92 वर्षीय राष्ट्रपति पॉल बिया ने 12 अक्टूबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में फिर से उम्मीदवार बनने की आधिकारिक घोषणा की है.
  • हाल के महीनों में पॉल बिया के कई पुराने सहयोगी जैसे रोजगार मंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री ने उनके खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
  • विपक्षी दल बुरी तरह विभाजित हैं और एकजुट होकर पॉल बिया के खिलाफ मजबूत चुनौती पेश करने में असमर्थ दिख रहे हैं.
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कैमरून के 92 वर्षीय राष्ट्रपति पॉल बिया एक बार फिर चुनाव में खड़े होने जा रहे हैं. सोमवार, 14 जुलाई को पॉल बिया ने आधिकारिक तौर पर इस मध्य अफ्रीकी देश में 12 अक्टूबर को होने जा रहे आगामी राष्ट्रपति चुनाव में लड़ने का ऐलान किया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, एक्स पर एक पोस्ट में फ्रेंच और इंग्लिश, दोनों भाषा में दुनिया के सबसे उम्रदराज राष्ट्र प्रमुख पॉल बिया ने यह घोषणा की. अपने बयान में, पॉल बिया ने कहा कि पदभार ग्रहण करने के बाद से, उन्होंने देश के नागरिकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया है और परिणाम साफ-साफ दिख रहे हैं.

उन्होंने देश के नागरिकों के समर्थन की सराहना की और कहा कि अगले चुनाव के लिए खुद को उम्मीदवार घोषित करने से पहले अभी और भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है.

उन्होंने लिखा, "मैं 12 अक्टूबर 2025 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार हूं. निश्चिंत रहें कि आपकी सेवा करने का मेरा दृढ़ संकल्प हमारे सामने आने वाली गंभीर चुनौतियों के अनुरूप है... एक साथ मिलकर, ऐसी कोई चुनौती नहीं है जिसका हम सामना नहीं कर सकते. अभी भी मेरा बेस्ट आना बाकी है."

पॉल बिया पहले से ही कैमरून पीपुल्स डेमोक्रेटिक मूवमेंट (सीपीडीएम) के वास्तविक उम्मीदवार थे, जिसके वह पार्टी प्रमुख हैं. लेकिन उनकी उम्र को देखते हुए, राष्ट्रपति का स्वास्थ्य और शासन करने की उनकी क्षमता बहस का विषय बन गई है.

क्या आसान होगी पॉल बिया की राह?

कई पुराने समर्थक हाल के महीनों में राष्ट्रपति बिया से दूरी बनाते दिखे हैं. हाल के हफ्तों में बिया के खेमे से दो हाई-प्रोफाइल दलबदल हुए हैं. रोजगार मंत्री इस्सा तचिरोमा बेकरी ने जून में सरकार से इस्तीफा दे दिया और अपने फ्रंट फॉर द नेशनल साल्वेशन ऑफ कैमरून (एफएसएनसी) के साथ खुद चुनाव में खड़े होंगे. साथ ही लगभग 30 वर्षों तक बिया के सहयोगी रहे पूर्व प्रधान मंत्री बेलो बाउबा मैगारी ने कहा कि वह नेशनल यूनियन फॉर डेमोक्रेसी एंड प्रोग्रेस (एनयूडीपी) की ओर से चुनाव में खड़े होंगे.

टीचिरोमा और मैगारी दोनों पार्टियां बिया के सीपीडीएम की लंबे समय से सहयोगी थीं, जो 1960 में आजादी के बाद से सत्ता पर काबिज है. इसके अलावा मौरिस कामतो भी चुनावी दौड़ में हैं, जो 2018 के राष्ट्रपति चुनाव में दूसरे स्थान पर आए थे और बिया के सबसे बड़े आलोचक हैं. इसके अलावा कैमरूनियन पार्टी फॉर नेशनल रिकंसिलिएशन (सीपीएनआर) से प्रमुख विपक्षी नेता कैब्रल लिबी भी दौड़ में हैं. 

उम्मीदवारों के पास अपने नाम की घोषणा करने के लिए 21 जुलाई तक का समय है. पॉल बिया के पक्ष में यह बात है कि विपक्ष बुरी तरह विभाजित है और एक ही उम्मीदवार के पीछे एकजुट होने के लिए संघर्ष कर रहा है. कैमरून की जनता बड़े पैमाने पर युवाओं में बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई और खराब सार्वजनिक सेवाओं से जूझ रही है. इसके अलावा, अलगाववादियों की ओर से कभी-कभी हिंसा भड़क उठती है, खासकर ज्यादातर फ्रैंकोफोन वाले देश के अंग्रेजी भाषी क्षेत्रों में.

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