
- अर्मेनिया की संसद में विपक्षी सांसद आर्तुर सर्गस्यान पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने विशेष सत्र के दौरान हमला किया, जिससे हंगामा मच गया.
- सर्गस्यान पर तख्तापलट की साजिश रचने का आरोप है, लेकिन उन्होंने सभी आरोपों से इनकार करते हुए जांच समिति के सामने पेश होने की बात कही.
- सत्र के बीच तनाव इतना बढ़ा कि उपसभापति ने कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी और सत्ता पक्ष के सांसदों ने सर्गस्यान को घेरकर हाथापाई की.
अर्मेनिया की संसद में मंगलवार को उस समय हंगामा मच गया जब एक विशेष सत्र के दौरान विपक्षी सांसद आर्तुर सर्गस्यान पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने हमला कर दिया. यह घटना उस समय हुई जब सर्गस्यान ने राष्ट्रपति निकोल पशिन्यान के खिलाफ बोलने के बाद सदन से बाहर जाने की कोशिश की. सर्गस्यान ने सदन में कहा, 'मैं स्वेच्छा से जांच समिति के सामने पेश होने को तैयार हूं.' वे एक आपराधिक मामले का सामना कर रहे हैं, जिसमें उन पर तख्तापलट की साजिश रचने का आरोप है. हालांकि, उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया है.
सत्र के बीच तनाव इतना बढ़ गया कि उपसभापति रूबेन रुबिन्यान को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. सर्गस्यान के मामले में अभी फैसला लंबित है.
सर्गस्यान को घेर कर हाथापाई
विपक्षी सांसद क्रिस्टीन वारदान्यान के अनुसार, जैसे ही सर्गस्यान अपनी बात कहकर बाहर निकलने लगे, सत्तारूढ़ सिविल कॉन्ट्रैक्ट पार्टी के सांसद वाहे गलुम्यान ने उन्हें पीछे से धक्का दिया. इसके बाद सत्ता पक्ष के अन्य सांसदों ने सीटों से उठकर सर्गस्यान को घेर लिया और हाथापाई शुरू कर दी. आरोप है कि इस दौरान सत्ता पक्ष के सांसदों ने अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया.
This's a video of a #fight btw pro-govt & opposition MPs in the #Armenia|n parliament. A MP from the ruling team, which zealously advocates reconciliation with #Turkey, suddenly called his opponent the Turk's son. They should decide whether this's a swear word or a compliment. pic.twitter.com/j5HOAM0DdX
— Karina Karapetyan (@KarinaKarapety8) July 8, 2025
इस विवादित सत्र का विषय था, आर्तुर सर्गस्यान की संसदीय इम्यूनिटी खत्म की जाए या नहीं. सरकार का आरोप है कि सर्गस्यान सशस्त्र विद्रोह की योजना में शामिल थे.
'तानाशाही का गढ़ बन गया है अर्मेनिया'
अपनी स्पीच में सर्गस्यान ने कहा, 'अर्मेनिया अब तानाशाही का गढ़ बन गया है, जहां हर फैसला पहले से लिखा और तय होता है.' ये घटना अर्मेनिया में बढ़ते राजनीतिक तनाव को दर्शाती है. राष्ट्रपति पशिन्यान ने हाल ही में सोशल मीडिया पर विपक्ष और चर्च नेतृत्व के खिलाफ तीखे बयान दिए हैं. उन्होंने चर्च नेतृत्व को 'राष्ट्रविरोधी और ईसाई विरोधी' बताया.
सत्र के दौरान संसद ने विपक्षी नेता और पूर्व रक्षा मंत्री सैरान ओहान्यान के साथ उनके सहयोगी आर्तस्विक मिनास्यान की इम्यूनिटी खत्म करने के पक्ष में वोट दिया, जिससे उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही का रास्ता साफ हो गया. हालांकि, उनके लिए हिरासत की मांग पेश नहीं की गई. सर्गस्यान के मामले में अभी फैसला लंबित है.
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