- शुभमन गिल ने इंग्लैंड दौरे में चार शतक जड़कर 75.40 के औसत से 754 रन बनाए
- सिराज ने सीरीज में 23 विकेट लेकर केनिंगटन ओवल टेस्ट में नौ विकेट लेकर सीरीज बराबरी में अहम भूमिका निभाई
- बुमराह और प्रसिद्ध कृष्णा ने कुल मिलाकर 28 विकेट लेकर भारत की गेंदबाजी को मजबूती दी और आलोचनाओं का जवाब दिया
Team India creates history: जरा याद कीजिए कि इंग्लैंड रवाना होने से पहले पंडितों और पूर्व क्रिकेटरों के बयान क्या थे. रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और विराट कोहली (Virat Kohli) जैसे दिग्गज साथ नहीं थे, तो जैसे-तैसे बहुत ज्यादा 'रिसर्च' करने के बाद शुभमन गिल (Shubman Gill) को पांच टेस्टों बहुत ही ज्यादा मुश्किल सीरीज के लिए पहली बार टीम इंडिया का कप्तान चुना गया था. वह कप्तान जिसके लिए बीसीसीआई (BCCI) अधिकारी ही कप्तानी देने के मुद्दे पर एकमत नहीं थे. सीरीज से पहले इंग्लैंड में गिल का औसत 13.00 से भी कम था. लेकिन अब करीब डेढ़ महीने बाद की 2-2 से बराबरी की यह 'फाइनल तस्वीर' है, मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) की तस्वीर है, केनिंगटन ओवल में भारतीय इतिहास की सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ जीतों में से एक जीत की तस्वीर है. और भारत ऐसा करने में सफल रहा, तो यह किसी चमत्कार से कम सरीखा नहीं रहा. खासकर जो सोमवार को केनिंगटन ओवल में खत्म हुए आखिरी और पांचवें टेस्ट मैच में देखने को मिला, वह एकदम अलग ही तस्वीर रही. यही वजह है कि खत्म हुई सीरीज भारतीय टीम और करोड़ों फैंस के लिए ड्रॉ नहीं, बल्कि जीत जैसी है. और इस जीत जैसा एहसास कराने में यूं तो पूरी टीम और तमाम खिलाड़ियों ने खुद को झोंक दिया, लेकिन हम बात करते हैं उन 4 खिलाड़ियों की, जो अपने योगदान की वजह से सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बन गए. इन चारों की चर्चा फैंस के बीच जोर-शोर से है, सोशल मीडिया और दिग्गजों के बीच है. डिटेल से जान लीजिए.

1. कप्तान गिल लूट ले गए दिल!
कप्तान शुभमन गिल ने जो इस दौरे में कर दिया, वह उनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा गया. थोक के भाव में रन और बल्ले से निकले दर्जनों रिकॉर्ड! गिल ने एक दोहरे शतक सहित सीरीज में 4 शतक जड़े. और 75.40 के सबसे ज्यादा औसत से सबसे ज्यादा 754 रन बनाकर बल्लेबाज नंबर-1 बन गए. यह ऐसा तूफानी प्रदर्शन रहा, जिसने अगले कई सालों को गिल के भारत टेस्ट कप्तान बने रहने पर मुहर लगा दी. और वह समय भी दूर नहीं, जब BCCI रोहित की जगह उन्हें वनडे की कप्तानी सौंप देगा.

2. सिरीज का सिकंदर मोहम्मद सिराज!
बल्लेबाज कोई कितने ही रन बना ले लेकिन जब तक कोई गेंद से साथ नहीं देता, तो सीरीज भी अपनी नहीं होती. अगर यह कह दिया जाए कि मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) ने सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर लिया है, तो गलत नहीं ही होगा. केनिंगटन ओवल टेस्ट सिराज का सपनों का टेस्ट बन गया है. अगर भारत ने सीरीज बराबर की, तो ये पांचवें टेस्ट में सिराज के पंजे सहित मैच में जड़े 9 विकेट की भूमिका बहुत बड़ी रही. सिराज ने सीरीज में सबसे ज्यादा 23 विकेट तो चटकाए ही, इस प्रदर्शन ने उनका कद भी ऊंचा कर दिया

3. बुमराह और प्रसिद्ध कृष्णा का दमदार प्रदर्शन
बुमराह नियमित अंतराल पर खेले, तो एक समय इलेवन में खिलाने के लिए प्रसिद्ध कृष्णा को खासी आलोचना झेलनी पड़ी, लेकिन बुमराह के प्रदर्शन ने टीम इंडिया के हौसले को शीर्ष पर रखा, तो प्रसिद्ध कृष्णा ने ओवल में सुपर फिनिशिंग टच दिया. आखिरी टेस्ट में 8 विकेट चटकाकर. सीरीज में जहां बुमराह ने 3 टेस्ट में 14 विकेट चटकाए, तो प्रसिद्ध कृ्ष्णा ने भी इतने ही टेस्ट में 14 ही विकेट चटकाए. इन दोनों ने चटकाए विकेटों ने सीरीज को बराबर कराने में बड़ा असर पैदा किया. खासकर प्रसिद्ध कृष्णा ने ओवल टेस्ट के प्रदर्शन से तमाम पिछली आलोचना पर पानी फेर दिया.

4. केएल राहुल का प्रहार, जडेजा ने भी दिया साथ
यह सही है कि शुभमन गिल दोनों टीमों में नंबर-1 बल्लेबाज हैं, लेकिन कप्तानी को अलग रख दें, तो लगभग ऐसा ही काम केएल राहुल ने अंजाम दिया है. उन्होंने भी इस दौरे से अपने करियर का विस्तार किया है, तो खत्म करार दे रहे रवींद्र जडेजा ने भी एक सही समय पर बल्ले से वार करते हुए भारत के लिए दौरे में चौथे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे. केएल राहुल ने 5 टेस्ट की 10 पारियों में 53.20 के औसत 2 शतक और इतने ही अर्द्धशतक से 532 रन बनाए, तो जडेजा भी 10 पारियों में 86.00 के औसत से 516 रन बनाकर चौथे नंबर पर रहे. वह 4 पारियों में नाबाद रहे और उनका 86 का औसत यह बताने के लिए काफी है कि सीरीज बराबरी में उनकी कितनी ज्यादा अहमियत रही, तो बॉलिंग में भी वह 7 विकेट बटोरने में कामयाब रहे.
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