लंदन:
ब्रिटिश राजकुमार के रिश्तेदारों के लार के नमूनों के डीएनए विश्लेषण में 30-वर्षीय विलियम और उनकी मां राजकुमारी डायना के पुरखों के यहां काम करने वाली एक भारतीय महिला के बीच संबंधों की कड़ी जुड़ती है।
इस डीएनए विश्लेषण का मतलब यह हुआ कि राजकुमार विलियम राष्ट्रमंडल के ऐसे पहले प्रमुख होंगे, जिनका भारत से स्पष्ट आनुवांशिक संबंध है। अब संभावना है कि अगले महीने विलियम के बच्चे के जन्म के बाद वह जल्द ही भारत के पहले दौरे पर जाने के लिए प्रेरित होंगे।
अनुसंधानकर्ताओं ने विलियम के बारे में उनके भारतीय पूर्वजों के साथ संबंधों की जानकारी खोज निकाली है। राजकुमार विलियम से पांच पीढ़ी पहले के उनके पुरखे ओडोरे फोर्ब्स (1788-1820) के यहां एलिजा केवार्क नाम की एक महिला काम करती थी।
फोर्ब्स स्कॉटलैंड के एक कारोबारी थे, जो गुजरात के बंदरगाह शहर सूरत में ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए काम करते थे। उन दोनों की एक पुत्री कैथरीन थी और डायना कैथरीन की पांच पीढ़ी बाद की वंशज थीं। एलिजा का एमटी डीएनए (मिटोकोंड्रियल डीएनए) उनकी बेटियों और नातिनों से होता हुआ डायना तक पहुंचा और डायना से प्रिंस विलियम और प्रिंस हैरी तक पहुंचा।
'ब्रिटिशन्स डीएनए' ने एक विज्ञप्ति में कहा कि हमारा विश्वास है कि हमारे द्वारा एकत्रित सभी सबूतों से पता चलता है कि मां की ओर से उसके आनुवांशिक अंश भारतीय थे। एलिजा के अर्मेनियाई होने का भी दावा किया गया है और यह दावा संभवत: इसलिए किया गया, क्योंकि उसका उपनाम केवार्क अर्मेनिया के नाम केवोर्क से मिलता-जुलता है और उसने फोर्ब्स को खत लिखे, वह भी अर्मेनियाई लिपी में थे। इससे यह अंदाजा लगाया गया है कि संभव है कि उनके पिता अर्मेनियाई मूल के रहे हों।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि राजकुमार विलियम और हैरी में एलिजा केवार्क के आनुवांशिक अंश हैं हैं, लेकिन वह इस भारतीय एमटीडीएनए को अपने बच्चों में नहीं पहुंचा पाएंगे, क्योंकि एमटी डीएनए केवल मां से ही उसके बच्चों में जाता है। इस खुलासे से पता चलता है कि एलिजा के बच्चों के स्कॉटिश पिता ने उसे अचानक क्यों छोड़ दिया और उनकी पुत्री कैथरीन को छह वर्ष की आयु में ब्रिटेन भेज दिया। कैथरीन के जरिये परिवार की बेल बढ़ी और विलियम एवं हैरी की मां डायना उसी कैथरीन की वंशज थीं।
इस डीएनए विश्लेषण का मतलब यह हुआ कि राजकुमार विलियम राष्ट्रमंडल के ऐसे पहले प्रमुख होंगे, जिनका भारत से स्पष्ट आनुवांशिक संबंध है। अब संभावना है कि अगले महीने विलियम के बच्चे के जन्म के बाद वह जल्द ही भारत के पहले दौरे पर जाने के लिए प्रेरित होंगे।
अनुसंधानकर्ताओं ने विलियम के बारे में उनके भारतीय पूर्वजों के साथ संबंधों की जानकारी खोज निकाली है। राजकुमार विलियम से पांच पीढ़ी पहले के उनके पुरखे ओडोरे फोर्ब्स (1788-1820) के यहां एलिजा केवार्क नाम की एक महिला काम करती थी।
फोर्ब्स स्कॉटलैंड के एक कारोबारी थे, जो गुजरात के बंदरगाह शहर सूरत में ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए काम करते थे। उन दोनों की एक पुत्री कैथरीन थी और डायना कैथरीन की पांच पीढ़ी बाद की वंशज थीं। एलिजा का एमटी डीएनए (मिटोकोंड्रियल डीएनए) उनकी बेटियों और नातिनों से होता हुआ डायना तक पहुंचा और डायना से प्रिंस विलियम और प्रिंस हैरी तक पहुंचा।
'ब्रिटिशन्स डीएनए' ने एक विज्ञप्ति में कहा कि हमारा विश्वास है कि हमारे द्वारा एकत्रित सभी सबूतों से पता चलता है कि मां की ओर से उसके आनुवांशिक अंश भारतीय थे। एलिजा के अर्मेनियाई होने का भी दावा किया गया है और यह दावा संभवत: इसलिए किया गया, क्योंकि उसका उपनाम केवार्क अर्मेनिया के नाम केवोर्क से मिलता-जुलता है और उसने फोर्ब्स को खत लिखे, वह भी अर्मेनियाई लिपी में थे। इससे यह अंदाजा लगाया गया है कि संभव है कि उनके पिता अर्मेनियाई मूल के रहे हों।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि राजकुमार विलियम और हैरी में एलिजा केवार्क के आनुवांशिक अंश हैं हैं, लेकिन वह इस भारतीय एमटीडीएनए को अपने बच्चों में नहीं पहुंचा पाएंगे, क्योंकि एमटी डीएनए केवल मां से ही उसके बच्चों में जाता है। इस खुलासे से पता चलता है कि एलिजा के बच्चों के स्कॉटिश पिता ने उसे अचानक क्यों छोड़ दिया और उनकी पुत्री कैथरीन को छह वर्ष की आयु में ब्रिटेन भेज दिया। कैथरीन के जरिये परिवार की बेल बढ़ी और विलियम एवं हैरी की मां डायना उसी कैथरीन की वंशज थीं।
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