राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने चीन पर तीखा प्रहार करते हुए मंगलवार को कहा कि ब्रिक्स समूह आतंकवादी और छद्म रूप से उनके लिए काम करने वाले लोगों पर संयुक्त राष्ट्र के तहत प्रतिबंध लगाने पर मिलकर काम कर सकता है. उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया राजनीति तथा दोहरे मानदंडों से मुक्त होनी चाहिए.
डोभाल ने ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में यह टिप्पणियां की, जहां चीन का प्रतिनिधित्व सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और सीपीसी के विदेश मामलों के आयोग के कार्यालय के निदेशक वांग यी ने किया.
वांग को मंगलवार को फिर से चीन का विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है. चीन लश्कर-ए-तैयबा तथा पाकिस्तान के अन्य नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्तावों पर बार-बार रोड़ा अटकाता रहा है.
डोभाल ने कहा कि आतंकवादियों तथा छद्म रूप से उनके लिए काम कर रहे लोगों को संयुक्त राष्ट्र के आंतकवाद रोधी प्रतिबंधों के दायरे में लाना ऐसा क्षेत्र है, जहां ब्रिक्स देश मिलकर काम कर सकते हैं. ब्रिक्स समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं.
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