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पाकिस्तान की एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामले में परवेज मुशर्रफ को एक पखवाड़े के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
रावलपिंडी स्थित अदालत ने कहा कि मुशर्रफ को आज की सुनवाई में ही यहां न्यायाधीश के समक्ष पेश करना चाहिए था, लेकिन सुरक्षा कारणों से ऐसा नहीं हो सका। संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के मुख्य अभियोजक जुल्फिकार अली ने इसकी जानकारी दी है।
अदालत ने 69 साल के मुशर्रफ को भले ही 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा है, लेकिन वह इस्लामाबाद के बाहरी इलाके चक शहजाद स्थित अपने फार्महाउस में रहेंगे। उनके इस फार्महाउस को ‘उप कारागार’ घोषित किया गया है। आतंकवाद विरोधी अदालत ने इस मामले की सुनवाई 14 मई तक के लिए स्थगित कर दी।
बीते 26 अप्रैल को हुई सुनवाई में मुशर्रफ को एफआईए की हिरासत में चार दिनों के लिए भेजा गया था ताकि जांच अधिकारी बेनजीर की हत्या के मामले में उनसे पूछताछ कर सकें।
एफआईए की ओर से मुशर्रफ को आज अदालत में पेश नहीं करने के फैसले के बारे में मुख्य अभियोजक जुल्फिकार अली ने संवाददाताओं को बताया कि गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर कहा कि पूर्व राष्ट्रपति को काफी बड़े स्तर का सुरक्षा खतरा है। उन्होंने कहा, इसी कारण से उन्हें अदालत में पेश नहीं किया गया, लेकिन उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। अली ने कहा कि एफआईए के संयुक्त जांच दल ने मुशर्रफ के खिलाफ जांच पूरी कर ली है और उनके विरुद्ध ‘ठोस सबूत’ एकत्र किए हैं।
मुख्य अभियोजक ने कहा, मुशर्रफ ने अपनी जवाबदेही और जिम्मेदारी को दूसरे पर डालने की कोशिश की, लेकिन ऐसे ठोस सबूत हैं जो उन्हें दोषी साबित करते हैं। रावलपिंडी में 27 दिसंबर, 2007 को एक चुनावी सभा के दौरान बेनजीर की हत्या कर दी गई थी।
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