
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमेरिकियों को नई वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए तैयार करने के वास्ते शिक्षा में सुधार पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि आज प्रतिस्पर्धा के इस दौर में रोजगार के अवसर एक देश से दूसरे देश में कहीं भी रख सकते हैं।
ओबामा ने कहा कि भारत और चीन जैसे देशों के लोग गणित और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अमेरिकियों से आगे निकलने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, इसलिए देश में शिक्षा के क्षेत्र में ताजा परिस्थितियों के अनुरूप सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, पिछली पीढ़ियों में आर्थिक रूप से अमेरिका की स्थिति दूसरों के मुकाबले इतनी आगे और मजबूत थी कि हमें ज्यादा प्रतिस्पर्धा का सामना नहीं करना पड़ता था।
ओबामा ने एक प्रौद्योगिकी कॉलेज के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, आज अरबों लोग यहां बीजिंग से लेकर बेंगलुरु और मास्को तक सीधे आपसे प्रतिस्पर्धा में हैं। ये देश हैं जो कि शिक्षा और प्रतिस्पर्धा के क्षेत्र में हमसे आगे निकलने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि यदि हमारे श्रमबल को पूरी तरह शिक्षित नहीं किया जाएगा, तो यह पीछे रह जाएगा और उसके लिए जीविका चलाने लायक रोजगार पाना भी मुश्किल हो जाएगा।
राष्ट्रपति ने कहा, हम आज 21वीं सदी की वैश्विक अर्थव्यवस्था में रह रहे हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था में रोजगार के अवसर कहीं भी हो सकते हैं। कंपनियां अच्छे शिक्षित लोगों की तलाश में रहती हैं, चाहे वह कहीं भी हों और उन्हें बेहतर रोजगार और अच्छे वेतन से पुरस्कृत करते हैं। ओबामा ने कहा कि अमेरिका को अपने युवाओं को शिक्षित करना होगा और उन्हें वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए तैयार करना होगा।
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