कोर्ट ने रहमान पर 20 करोड़ टका का जुर्माना भी लगाया, जो लंदन में रहते हैं (फाइल फोटो)
ढाका:
बांग्लादेश में विपक्ष की नेता व पूर्व प्रधानमंत्री खलिदा जिया के बड़े बेटे तारिक रहमान को गुरुवार को धन की हेराफेरी के मामले में सात साल कैद व जुर्माने की सजा सुनाई गई।
बीडीन्यूज24 के अनुसार, हाईकोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत के फैसले को उलट दिया, जिसने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेता को 20.41 करोड़ टका की हेराफेरी के मामले में बरी कर दिया था। न्यायालय ने रहमान पर 20 करोड़ टका का जुर्माना भी लगाया, जो लंदन में रहते हैं।
जस्टिस एनायतुर रहीम और अमीर हुसैन की पीठ ने गुरुवार को भ्रष्टाचार निरोधक निकाय एंटी करप्शन कमीशन (एसीसी) की अपील पर यह फैसला दिया। रहमान के घनिष्ठ व्यावसायिक सहयोगी गियासुद्दीन-अल-मामून को भी सात साल कैद की सजा सुनाई गई और उन पर 40 करोड़ टका का जुर्माना लगाया गया।
एसीसी ने रहमान और मामून के खिलाफ अक्टूबर 2009 में मामला दर्ज किया था। उन पर 2003-2007 के बीच धोखे से सिंगापुर धन ले जाने का आरोप है। रहमान के वकील जैनुल अबेदिन ने अपने मुवक्किल के धन की हेरीफेरी से जुड़े किसी भी मामले में संलिप्तता से इनकार किया। बचाव पक्ष इसकी जांच करेगा कि इसमें अपील की कोई गुंजाइश है या नहीं।
रहमान को सात मार्च, 2007 को बांग्लादेश में आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किया गया था। सितंबर 2008 में रहमान चिकित्सा कारणों से ब्रिटेन गए। तभी से वह लंदन में हैं। बांग्लादेश हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करने वाली निचली अदालत से रहमान के खिलाफ वारंट जारी करने के लिए कहा, ताकि उन्हें गिरफ्तार कर सजा दी जा सके।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बीडीन्यूज24 के अनुसार, हाईकोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत के फैसले को उलट दिया, जिसने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेता को 20.41 करोड़ टका की हेराफेरी के मामले में बरी कर दिया था। न्यायालय ने रहमान पर 20 करोड़ टका का जुर्माना भी लगाया, जो लंदन में रहते हैं।
जस्टिस एनायतुर रहीम और अमीर हुसैन की पीठ ने गुरुवार को भ्रष्टाचार निरोधक निकाय एंटी करप्शन कमीशन (एसीसी) की अपील पर यह फैसला दिया। रहमान के घनिष्ठ व्यावसायिक सहयोगी गियासुद्दीन-अल-मामून को भी सात साल कैद की सजा सुनाई गई और उन पर 40 करोड़ टका का जुर्माना लगाया गया।
एसीसी ने रहमान और मामून के खिलाफ अक्टूबर 2009 में मामला दर्ज किया था। उन पर 2003-2007 के बीच धोखे से सिंगापुर धन ले जाने का आरोप है। रहमान के वकील जैनुल अबेदिन ने अपने मुवक्किल के धन की हेरीफेरी से जुड़े किसी भी मामले में संलिप्तता से इनकार किया। बचाव पक्ष इसकी जांच करेगा कि इसमें अपील की कोई गुंजाइश है या नहीं।
रहमान को सात मार्च, 2007 को बांग्लादेश में आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किया गया था। सितंबर 2008 में रहमान चिकित्सा कारणों से ब्रिटेन गए। तभी से वह लंदन में हैं। बांग्लादेश हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करने वाली निचली अदालत से रहमान के खिलाफ वारंट जारी करने के लिए कहा, ताकि उन्हें गिरफ्तार कर सजा दी जा सके।
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