ऑस्ट्रेलिया के पीएम टर्नबुल
मेलबर्न:
ब्रिटेन में एक पूर्व रूसी जासूस को मॉस्को की ओर से कथित तौर पर जहर दिए जाने के मुद्दे पर ऑस्ट्रेलियाई सरकार दो रूसी अधिकारियों को निष्कासित करेगी. अधिकारियों को एक हफ्ते के भीतर ऑस्ट्रेलिया छोड़ने के निर्देश दिए जाएंगे.
ऑस्ट्रेलिया के इस कदम के बाद वह ब्रिटेन, अमेरिका, यूरोपीय संघ के14 सदस्य देश और अन्य सहयोगी देशों में शामिल हो जाएगा जिन्होंने कल समन्वित प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कई रूसी राजनयिकों को अपने- अपने देश से निष्कासित करने की घोषणा की.
UN में ड्रामा, रूसी राजनयिक ने उंगली दिखाते हुए कहा 'रूस का अपमान करने की जुर्रत मत करना'
विदेश मंत्री जूली बिशप ने एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘विएना संधि के विपरीत कदमों के कारण दो रूसी राजनयिकों, जिनकी पहचान अघोषित खुफिया अधिकारियों के तौर पर हुई है, को ऑस्ट्रेलिया की ओर से निष्कासित किया जाएगा.’
पूर्व रूसी जासूस सर्गेई स्क्रिपल (66) और उनकी बेटी यूलिया (33) दोनों ब्रिटेन के अस्पताल में भर्ती हैं. दोनों की हालत नाजुक बताई जा रही है.
बिशप ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया का फैसला जासूस पर हुए हमले की‘स्तब्ध’ करने वाली प्रकृति को दिखाता है। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का पहला आक्रामक इस्तेमाल है जिसमें आबादी वाले एक इलाके में काफी जानलेवा पदार्थ का इस्तेमाल हुआ और इससे इलाके के अन्य लोग खतरे में पड़ गए.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ऑस्ट्रेलिया के इस कदम के बाद वह ब्रिटेन, अमेरिका, यूरोपीय संघ के14 सदस्य देश और अन्य सहयोगी देशों में शामिल हो जाएगा जिन्होंने कल समन्वित प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कई रूसी राजनयिकों को अपने- अपने देश से निष्कासित करने की घोषणा की.
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विदेश मंत्री जूली बिशप ने एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘विएना संधि के विपरीत कदमों के कारण दो रूसी राजनयिकों, जिनकी पहचान अघोषित खुफिया अधिकारियों के तौर पर हुई है, को ऑस्ट्रेलिया की ओर से निष्कासित किया जाएगा.’
पूर्व रूसी जासूस सर्गेई स्क्रिपल (66) और उनकी बेटी यूलिया (33) दोनों ब्रिटेन के अस्पताल में भर्ती हैं. दोनों की हालत नाजुक बताई जा रही है.
बिशप ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया का फैसला जासूस पर हुए हमले की‘स्तब्ध’ करने वाली प्रकृति को दिखाता है। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का पहला आक्रामक इस्तेमाल है जिसमें आबादी वाले एक इलाके में काफी जानलेवा पदार्थ का इस्तेमाल हुआ और इससे इलाके के अन्य लोग खतरे में पड़ गए.
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