काबुल:
अफगानिस्तान की एक अदालत पर तालिबान आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में 53 लोग मारे गए हैं।
यह हमला फराह प्रांत में हुआ। प्रांतीय गवर्नर अकरम अखपेवाक ने बताया कि हमले में 34 नागरिक, 10 सुरक्षाकर्मी और नौ हमलावर मारे गए।
समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार अधिकारियों का कहना है कि आतंकवादियों ने विचाराधीन कैदियों को छुड़ाने के लिए अदालत पर हमला किया।
हाल के महीनों का यह सबसे भीषण हमला है। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि हमले के बाद परिसर में मौजूद कैदी भागने में कामयाब रहे या नहीं। हालांकि, अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया कि घायलों में एक कैदी भी है जिसका उपचार किया जा रहा है।
इस हमले से नाटो सैनिकों की वापसी के बाद देश की सुरक्षा कर पाने की अफगान सुरक्षा बलों की क्षमता पर भी सवाल खड़े हुए हैं।
गृहमंत्रालय के उपप्रवक्ता नाजिब दानिश ने एएफपी से कहा, ‘‘मैं पुष्टि कर सकता हूं कि 34 नागरिक, छह सैनिक और चार पुलिसकर्मी मारे गए हैं और 91 लोग जख्मी हुए हैं जिनमें अधिकतर नागरिक हैं। नौ हमलावर भी मारे गए हैं।’’
घटना के फौरन बाद तालिबान आतंकवादियों ने हमले की जिम्मेदारी ली। समूह ने एक वेबसाइट पर कहा, ‘‘हमारे लड़ाकों ने फराह में कई सरकारी भवनों पर हमला किया। उन्होंने छोटे हथियारों और ग्रेनेड के साथ हमले किए।’’ दिसंबर, 2011 के हमले के बाद यह पहला मौका है जब किसी एक हमले में इतने लोग मारे गए हैं। काबुल में हुए उस हमले मे 80 लोग मारे गए थे।
यह हमला फराह प्रांत में हुआ। प्रांतीय गवर्नर अकरम अखपेवाक ने बताया कि हमले में 34 नागरिक, 10 सुरक्षाकर्मी और नौ हमलावर मारे गए।
समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार अधिकारियों का कहना है कि आतंकवादियों ने विचाराधीन कैदियों को छुड़ाने के लिए अदालत पर हमला किया।
हाल के महीनों का यह सबसे भीषण हमला है। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि हमले के बाद परिसर में मौजूद कैदी भागने में कामयाब रहे या नहीं। हालांकि, अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया कि घायलों में एक कैदी भी है जिसका उपचार किया जा रहा है।
इस हमले से नाटो सैनिकों की वापसी के बाद देश की सुरक्षा कर पाने की अफगान सुरक्षा बलों की क्षमता पर भी सवाल खड़े हुए हैं।
गृहमंत्रालय के उपप्रवक्ता नाजिब दानिश ने एएफपी से कहा, ‘‘मैं पुष्टि कर सकता हूं कि 34 नागरिक, छह सैनिक और चार पुलिसकर्मी मारे गए हैं और 91 लोग जख्मी हुए हैं जिनमें अधिकतर नागरिक हैं। नौ हमलावर भी मारे गए हैं।’’
घटना के फौरन बाद तालिबान आतंकवादियों ने हमले की जिम्मेदारी ली। समूह ने एक वेबसाइट पर कहा, ‘‘हमारे लड़ाकों ने फराह में कई सरकारी भवनों पर हमला किया। उन्होंने छोटे हथियारों और ग्रेनेड के साथ हमले किए।’’ दिसंबर, 2011 के हमले के बाद यह पहला मौका है जब किसी एक हमले में इतने लोग मारे गए हैं। काबुल में हुए उस हमले मे 80 लोग मारे गए थे।
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