- इथियोपिया के हैली गुब्बी ज्वालामुखी के विस्फोट से निकली राख का बादल उत्तर भारत के कई राज्यों तक पहुंच गया
- राख का बादल गुजरात में प्रवेश कर राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमालयी क्षेत्रों तक फैला है
- राख में ज्वालामुखीय राख, सल्फर डाइऑक्साइड और कांच तथा चट्टान के छोटे कण शामिल, यह वायुमंडल के ऊंचे स्तर पर हैं
दिल्ली से लगभग 4500 किलोमीटर दूर एक देश में हुई एक प्राकृतिक घटना ने पूरे उत्तरी भारत के लोगों के लिए परेशानी का सबब खड़ा कर दिया है. दरअसल इथियोपिया का हैली गुब्बी ज्वालामुखी फटा और इससे उठी राख भारत तक चली आई है. इस ज्वालामुखी राख का एक बादल सोमवार, 24 नवंबर की रात पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों में प्रवेश किया और फिर यह कई उत्तरी राज्यों में बढ़ गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी IMD ने कहा है कि इथियोपिया में ज्वालामुखी फटने से निकला राख का गुबार चीन की ओर बढ़ रहा है और मंगलवार, 25 नवंबर की शाम साढ़े सात बजे तक भारत से दूर चला जाएगा.
इस एक्सप्लेनर में हम आपको 5 सवालों में ही आपको हर जवाब देंगे.
भारत के कौन से शहर ज्वालामुखी राख की जद में आए?
मौसम विज्ञान सेवा इंडियामेटस्काई वेदर ने कहा कि राख का बादल गुजरात (पश्चिम की ओर) में प्रवेश किया और रात करीब 10 बजे तक राजस्थान, उत्तर-पश्चिम महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब की ओर बढ़ा और बाद में इसने हिमालय और अन्य क्षेत्रों को प्रभावित किया.
Update05:
— IndiaMetSky Weather (@indiametsky) November 24, 2025
The sulphur dioxide rich Ash plume mixed with Ash from Ethiopia's #HayliGubbi volcano located at NorthEast of Afar rift & African superplume is now transiting over #Delhi, #Ncr, #Haryana and adj #UttarPradesh region. This will safely move towards Himalayas but there are… https://t.co/MaGczI05JK pic.twitter.com/JQcnp9Vta2
ज्वालामुखी की राख में क्या है?
ज्वालामुखी के विस्फोट के बाद से ही यह राख का गुबार वायुमंडल में फैल गया है और यह 100-120 किमी/घंटा की गति से उत्तर भारत की ओर बढ़ा. रिपोर्ट के अनुसार यह 15,000-25,000 फीट से लेकर 45,000 फीट तक की ऊंचाई पर तेजी से आगे बढ़ रहा. इसमें ज्वालामुखीय राख, सल्फर डाइऑक्साइड और कांच और चट्टान के छोटे कण शामिल हैं.
क्या यह चिंता की वजह?
इंडियामेटस्काई वेदर ने चेतावनी दी थी कि राख के कारण आसमान सामान्य से अधिक गहरा और धुंधला दिखाई दे सकता है. साथ ही हवाई यातायात बाधित हो सकता है, जिससे देरी हो सकती है और यात्रा में अधिक समय लग सकता है. लेकिन इसका असर AQI पर देखने को नहीं मिलेगा. इंडियामेटस्काई वेदर के अनुसार यह खतरनाक नहीं है और सतह के AQI लेबल पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि राख के बादल सतह से 25,000 से 45,000 फीट ऊपर हैं. केवल पहले से मौजूद स्थानीय प्रदूषक ही हम पर हमेशा की तरह प्रभाव डालेंगे.
फ्लाइट्स पर क्या असर?
एअर इंडिया ने सोमवार से अपनी कम से कम 11 उड़ानों को निरस्त कर दिया और उन विमानों पर नजर रख रही है जो इथियोपिया में ज्वालामुखी विस्फोट से उठे राख के गुबार वाले स्थानों के ऊपर से गुजरीं. एअर इंडिया ने कहा कि उसने मंगलवार को चार उड़ानें निरस्त कर दी हैं जिनमें एआई 2822 (चेन्नई-मुंबई), एआई 2466 (हैदराबाद-दिल्ली), एआई 2444 / 2445 (मुंबई-हैदराबाद-मुंबई) और एआई 2471 / 2472 (मुंबई-कोलकाता-मुंबई) शामिल हैं.
सोमवार को एअर इंडिया ने सात अंतरराष्ट्रीय उड़ानें निरस्त कर दी थीं. इंडिगो, एअर इंडिया एक्सप्रेस, स्पाइसजेट और अकासा एयर की ओर से वर्तमान परिस्थिति पर कोई ताजा जानकारी नहीं मिली है.
इथियोपिया में क्या हुआ?
एपी की रिपोर्ट के अनुसार इथियोपिया के अफार क्षेत्र में मौजूद हैली गुब्बी ज्वालामुखी रविवार सुबह फट गया, जिससे पड़ोसी गांव अफ़देरा धूल से ढक गया. एक स्थानीय प्रशासनिक अधिकार, मोहम्मद सईद ने कहा कि कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन विस्फोट से पशुपालकों के स्थानीय समुदाय पर आर्थिक प्रभाव पड़ सकता है. सीड ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि हैली गुब्बी ज्वालामुखी में विस्फोट का कोई पिछला रिकॉर्ड नहीं था, और उन्हें निवासियों की आजीविका के लिए डर है.
अफ़ार क्षेत्र भूकंप के प्रति संवेदनशील है और एक निवासी, अहमद अब्देला ने कहा कि उन्होंने एक तेज़ आवाज़ सुनी और जिसे उन्होंने शॉक वेब बताया. उन्होंने कहा, "ऐसा लगा जैसे धुएं और राख के साथ अचानक कोई बम फेंका गया हो."