विज्ञापन
This Article is From Oct 05, 2011

रक्षा आपूर्ति में देरी पर एंटनी ने रूस से जताई चिंता

मास्को: भारत ने बहुद्देशीय परिवहन विमान के विकास एवं बनावट में 'धीमी' प्रगति और रक्षा उपकरण एवं पुर्जो की आपूर्ति में विलम्ब होने पर रूस से एक बार फिर चिंता जाहिर की है। अपनी तीन दिनों की यात्रा पर मास्को पहुंचे रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने सैन्य तकनीकी सहयोग पर आयोजित अंतरसरकारी आयोग की 11वीं बैठक के दौरान इन मुद्दों को अपने रूसी समकक्ष एनातोली सर्दयुकोव के साथ उठाया। एंटनी के शिष्टमंडल में शामिल रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कार ने बैठक के बारे में बताया, "महत्वपूर्ण मरम्मत उपकरण के लिए निर्यात मंजूरी में हुए विलम्ब की ओर एंटनी ने रूसी पक्ष का ध्यान खींचा।" उन्होंने बताया, "पहले से अनुबंधित हथियार प्रणाली के लिए इन उपकरणों को भारत भेजा जाना है लेकिन विलम्ब की वजह से रक्षा उपकरण एवं पुर्जो की आपूर्ति प्रभावित हुई है।" कार ने बताया, "रूस की तरफ से भारत को भरोसा दिया गया कि उनकी सरकार में सर्वोच्च स्तर पर इस मामले को देखा जा रहा है और भविष्य में इस तरह की देरी से बचने के लिए संस्थागत उपाय करने के प्रयास किए जाएंगे।" ज्ञात हो कि भारत ने हाल के महीनों में राडार एवं मिसाइलों के अलावा लड़ाकू विमानों जैसे कि मिग-21, मिग-23 एवं मिग-27 सहित सोवियत जमाने के सैन्य उपकरण के लिए बड़ी संख्या में निविदाएं जारी की हैं। कार के मुताबिक भारत ने बहुद्देशीय परिवहन विमान (एमटीए) के विकास एवं निर्माण में सुस्त प्रगति होने पर भी अपनी चिंता जाहिर की। एमटीए के लिए दोनों देशों ने एक करार पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने बताया, "भारत और रूस इस एमटीए परियोजना की गति बढ़ाने पर सहमत हुए हैं और वे इस सम्बंध में अगले महीने बैठक करेंगे।" कार ने बताया कि अगले पांच वर्षो में भारत अपनी वायु सेना में 45 एमटीए शामिल करने की योजना बना रहा है। लड़ाकू विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य (एडमिरल गोर्शकोव) की नियोजित आपूर्ति का हवाला देते हुए एंटनी ने कहा, "हम इस युद्धपोत के भारतीय नौसेना में शामिल होने की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं। इस परियोजना ने भारत में लोगों का काफी ध्यान खींचा है।" उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि वर्ष 2012 की समाप्ति तक युद्धपोत नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा।" इसके अलावा भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से तैयार एवं विकसित किए जा रहे पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान (एफजीएफए) के बारे में दोनों पक्षों ने उल्लेख करते हुए कहा कि प्रारम्भिक डिजाइन अनुबंध का पहला स्तर सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है और सितम्बर 2012 से पहले अनुबंध के दूसरे स्तर को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। बैठक के दौरान एंटनी और सर्दयुकोव के बीच भारतीय इंजीनियरों के प्रशिक्षण और शोध एवं विकास अनुबंधों सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक के बाद में एंटनी ने भारतीय पत्रकारों से कहा, "पिछले एक वर्ष में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं के विकास की गति में विशेष सुधार हुआ है। हम अपनी मित्रता को काफी महत्व देते हैं। हम अपने सम्बंधों को और मजबूत बनाने के साथ ही इसे और आगे ले जाना चाहेंगे।"

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
एंटनी, रूस, सुरक्षा, Antony, Russia, Defence
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com