'मिशन शक्ति' (Mission Shakti) पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका ने कहा है कि वह भारत के साथ अंतरिक्ष में साझा हितों और सुरक्षा पर सहयोग सहित वैज्ञानिक व तकनीकी सहयोग को आगे बढ़ाना जारी रखेगा. अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट ने कहा, ''हमनें उपग्रह रोधी मिसाइल परीक्षण से संबंधित पीएम मोदी के संबोधन को देखा. भारत के साथ हमारी मजबूत रणनीतिक साझेदारी के हिस्से के रूप में हम अंतरिक्ष में साझा हितों और सुरक्षा पर वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग के बिंदु पर आगे बढ़ना जारी रखेंगे''.
US State Department on "Mission Shakti": The issue of space debris is an important concern for the United States government. We took note of Indian government statements that the test was designed to address space debris issues. https://t.co/P8rCduovdG
— ANI (@ANI) March 28, 2019
अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट ने कहा कि अमेरिकी सरकार के लिए अंतरिक्ष में मलबे का मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है. हमने भारत सरकार के उस बयान को देखा, जिसमें उन्होंने कहा कि 'परीक्षण अंतरिक्ष मलबे के मुद्दों को हल करने पर भी केंद्रित था'. आपको बता दें कि चीन ने भारत के उपग्रह रोधी मिसाइल परीक्षण पर बुधवार को सतर्कतापूर्वक प्रतिक्रिया जताते हुए उम्मीद जतायी थी कि सभी देश बाहरी अंतरिक्ष में शांति बनाये रखेंगे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को घोषणा की कि भारत ने अंतरिक्ष में एंटी सैटेलाइट मिसाइल से एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराते हुए अपना नाम अंतरिक्ष महाशक्ति के तौर पर दर्ज करा दिया और भारत ऐसी क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया.
भारत के 'मिशन शक्ति' पर चीन की पहली प्रतिक्रिया...
इस परीक्षण के बाद भारत दुश्मन के उपग्रहों को मार गिराने की रणनीतिक क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया. इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन के पास यह क्षमता थी. चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत द्वारा उपग्रह रोधी मिसाइल के सफल परीक्षण को लेकर एक सवाल पर लिखित जवाब में कहा, ‘‘हमने खबरें देखी हैं और उम्मीद करते हैं कि प्रत्येक देश बाहरी अंतरिक्ष में शांति बनाये रखेंगे.''
भारत के पास 10 साल से थी ऐसी क्षमता, अब अंतरिक्ष में कर डाली 'सर्जिकल स्ट्राइक'
वीडियो-भारत का 'मिशन शक्ति' कामयाब
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