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This Article is From May 10, 2024

भारत के आम चुनावों में हस्तक्षेप के रूसी आरोपों को अमेरिका ने किया खारिज

रूस ने अमेरिका पर आरोप लगाते हुए कहा था कि अमेरिका ने उसके देश में एक खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या की साजिश में भारतीय नागरिकों की संलिप्तता होने का कोई ठोस सबूत अभी तक मुहैया नहीं कराया है.

भारत के आम चुनावों में हस्तक्षेप के रूसी आरोपों को अमेरिका ने किया खारिज
रूस ने अमेरिका पर भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का लगाया आरोप
वाशिंगटन:

संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत में चल रहे चुनावों में अमेरिका के हस्तक्षेप के रूसी आरोपों को खारिज किया है. अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने संवाददाताओं से कहा, "नहीं, निश्चित रूप से, हम भारत में चुनावों में हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं. हम दुनिया में किसी भी चुनावों में हस्तक्षेप नहीं करते हैं, ये निर्णय भारत के लोगों को लेना है." दरअसल रूस ने अमेरिका पर भारत के घरेलू मामलों और मौजूदा चुनावों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था. जिसे मैथ्यू मिलर ने खारिज किया है.

रूस ने अमेरिका पर आरोप लगाते हुए कहा था कि अमेरिका ने उसके देश में एक खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या की साजिश में भारतीय नागरिकों की संलिप्तता होने का कोई ठोस सबूत अभी तक मुहैया नहीं कराया है. अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ मिलकर काम करने का पिछले साल नवंबर में आरोप लगाया था.

आतंकवाद के आरोपों में भारत में वांछित पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है. उसे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया था.

‘वाशिंगटन पोस्ट' ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत रूस और सऊदी अरब जैसी नीतियों को अपनाने की कोशिश कर रहा है. इस बारे में प्रतिक्रिया मांगे जाने पर रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा था, ‘‘हमारे पास जो जानकारी है उसके मुताबिक वाशिंगटन ने अभी तक जी एस पन्नू की हत्या की साजिश में भारतीय नागरिकों की संलिप्तता का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं दिया है. साक्ष्यों के अभाव में इस विषय पर अटकलें लगाना अस्वीकार्य है.''

उन्होंने कहा था कि अमेरिका को भारत की राष्ट्रीय सोच एवं इतिहास की समझ नहीं है और वह भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में ‘‘निराधार आरोप'' लगाता रहता है. जखारोवा ने कहा, ‘‘अमेरिका नई दिल्ली के खिलाफ नियमित रूप से निराधार आरोप लगाता रहता है... हम देखते हैं कि वे न केवल भारत बल्कि कई अन्य देशों पर भी धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने के आधारहीन आरोप लगाते हैं जो दर्शाता है कि अमेरिका भारत की राष्ट्रीय सोच को नहीं समझता, उसे भारत के विकास के ऐतिहासिक संदर्भ की समझ नहीं है और वह एक देश के रूप में भारत का सम्मान नहीं करता.''

रूसी प्रवक्ता ने इस ‘‘हस्तक्षेप को औपनिवेशिक काल की मानसिकता'' बताते हुए अमेरिका पर लोकसभा चुनावों को जटिल बनाने का आरोप लगाया. ‘आरटी न्यूज' ने जखारोवा के हवाले से कहा, ‘‘वे आम संसदीय चुनावों को जटिल बनाने के लिए भारत की आंतरिक राजनीतिक स्थिति को असंतुलित करने का प्रयास कर रहे हैं. यह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का तरीका है.''

उन्होंने कहा, ‘‘घरेलू और अंतरराष्ट्रीय, दोनों मामलों में वाशिंगटन से अधिक दमनकारी शासन की कल्पना करना कठिन है.''

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वाशिंगटन में इन आरोपों के संबंध में किए गए किसी भी प्रश्न का उत्तर देने से बचते नजर आए. उन्होंने कहा,‘‘ जब तक ये आरोप न्यायपालिका के समक्ष सिद्ध नहीं हो जाते जब तक ये महज आरोप हैं. चूंकि ये कानूनी मामला है इसलिए मैं यहां इस पर कुछ नहीं कहूंगा...''

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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