
अगर आपने अमेरिका के बॉम्बर बी2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स की कोई तस्वीर देखी हो, तो आपने गौर किया होगा कि यह एकदम किसी बड़े से पक्षी की तरह नजर आता है. एक ऐसा पक्षी जो अपने पंखों को जब-जब फैलाएगा तब -तब कहीं न कहीं शामत आएगी. शनिवार को कुछ ऐसा ही हुआ जब अमेरिका ने ईरान की न्यूक्लियर साइट्स को निशाना बनाया. अमेरिका के हमलों में उसी बी2 बॉम्बर का प्रयोग हुआ था जिसे दो दिन पहले ही गुआम की तरफ ले जाया गया था. किसी भी युद्ध में अमेरिकी सेनाओं के पहुंचने से पहले B2 बॉम्बर वॉर जोन में पहुंच जाता है. ऐसे में आप इसे अमेरिका के किसी युद्ध में दाखिल होने का सिग्नल भी कह सकते हैं.
इराक से लेकर लीबिया तक
बी-2 ने अभी तक ऑपरेशन एलाइड फोर्स (सर्बिया), ऑपरेशन एंड्योरिंग फ्रीडम (अफगानिस्तान), ऑपरेशन इराकी फ्रीडम (इराक) और ऑपरेशन ओडिसी डॉन और ऑपरेशन ओडिसी लाइटनिंग के तहत दो बार लीबिया में दुश्मन के इलाके पर हमला किया और ये सभी हमलें युद्ध की पहली रात को ही किए गए थे. बी-2 अमेरिका का सबसे एडवांस्ड स्ट्रैटेजिक हथियार है. यह बॉम्बर सबसे सोफेस्टिकेटेड एरियल जोन में घुसकर और ईरान के न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर्स जैसे नेटवर्क को तबाह करने में सक्षम है. आपको बता दें बी-2 दुनिया के सबसे ज्यादा दिनों तक सर्विस में रहने वाला बॉम्बर जेट है. साथ ही यह इकलौता ऐसा एयरक्राफ्ट है जो लंबी दूरी, स्टील्थ और हैवी पेलोड को एक ही प्लेटफॉर्म पर एक साथ इस्तेमाल कर सकता है.
एक बॉम्बर की कीमत
एक बी-2 की कीमत करीब 2.1 बिलियन डॉलर है और इसके साथ ही यह इसे अब तक का सबसे महंगा मिलिट्री एयरक्राफ्ट बना देती है. नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन की तरफ से निर्मित और अपनी सबसे ज्यादा एडवांस्ड स्टील्थ टेक्नोलॉजी के साथ, इस बॉम्बर जेट का निर्माण 1980 के दशक के अंत में शुरू हुआ था. लेकिन सोवियत संघ के पतन के बाद इसे रोक दिया गया था. पेंटागन ने इस बॉम्बर को मैन्युफैक्चर करने वाले प्रोग्राम को छोटा कर दिया था जिसके बाद सिर्फ 21 ही ऐसे एयरक्राफ्ट बन सके.
हर तरह के हथियारों से लैस
बिना फ्यूल के यह बॉम्बर 6,000 समुद्री मील (11,112 किमी) से ज्यादा की सीमा में स्थित अमेरिकी ठिकानों से हमलों को अंजाम दे सकता है. साथ ही अगर इसमें फ्यूल हो तो बी-2 दुनिया भर में किसी भी लक्ष्य को भेदने की ताकत रखता है. इसने मिसौरी से लेकर अफगानिस्तान और लीबिया और अब ईरान तक के मिशनों में अपनी ताकत को बखूबी प्रदर्शित किया है. 40,000 पाउंड या 18,144 किलो से ज्यादा के हथियारों को लेकर उड़ने की क्षमताच के साथ यह बॉम्बर पारंपरिक और परमाणु हथियारों को भी लॉन्च कर सकता है.
बॉम्बर में फिट GBU बम
इस बॉम्बर के इंटरनल बमवर्षक के आंतरिक हथियारों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि पेलोड्स के साथ ही चुपचाप मिशन को अंजाम दे सके. इसके आतंरिक हथियारों में दो GBU-57A/B MOP (मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर), एक 30,000 पाउंड का प्रीसीजन गाइडेड 'बंकर बस्टर' बम शामिल होने की बातें कही जाती हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो ईरान के फोर्डो रिसर्च साइट पर छह बंकर बस्टर बमों का प्रयोग किया गया था. B-2 का दो-पायलट वाला क्रू कनफिगरेशन ऑटोमेशन सिस्टम की मदद से ऑपरेशनल इफैक्टिवनेस को बनाए रखती है जबकि इसी वजह से बाकी कर्मियों पर निर्भरता कम होती है.
बी-2 की स्टील्थ तकनीक में रडार-अब्जॉर्विंग मैटेरियल और एंगलुर डिजाइन खास है. इस डिजाइन की वजह से ही यह दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम की नजरों से बच पाता है. इसका रडार क्रॉस-सेक्शन बिल्कुल किसी छोटे पक्षी के बराबर है और इसकी वजह से ही पारंपरिक रडार का इसे डिटेक्ट कर पाना जीरो है.
मैसिव ऑर्डनेंस पेनीटेटर (एमओपी)
30,000 पाउंड का एमओपी अमेरिका के हथियारों का सबसे बड़ा पारंपरिक बम है. इसे खासतौर पर कठोर अंडरग्राउंड बंकर्स को हराने के लिए डिजाइन किया गया है. इसके विशाल आकार के लिए बी-2 को हर मिशन सिर्फ एक या दो एमओपी ले जाने की जरूरत होती है. लेकिन बंकर को भेदने की इसका क्षमता बेजोड़ है. हथियार की 20.5-फुट (6.25-मीटर) लंबाई और जीपीएस-गाइडेड प्रीसिजन सिस्टम खासतौर पर अंडरग्राउंड फैसिलिटीज के खिलाफ सटीक हमले करने में सक्षम बनाती है. यह बॉम्बर 200 फीट अंडग्राउंड स्थित तहखाने को भी पलभर में तबाह कर सकता है.
पारंपरिक हथियार
ज्वॉइन्ट डायरेक्ट अटैक म्यूनिशंस (JDAM) B-2 को सेट टारगेट पर सटीक पारंपरिक हमला करने की क्षमता प्रदान करते हैं. इन GPS-गाइडेड हथियारों को बड़ी संख्या में तैनात किया जा सकता है. इसमें बॉम्बर एक साथ कई लक्ष्यों को हाई प्रीसीजन के साथ भेदने में सक्षम है.
ज्वॉइन्ट स्टैंड ऑफ वेपेस (JSOW) ये हथियार एयरक्राफ्ट की एगेंजिंग लिमिट को बढ़ाते हैं. ये ग्लाइड बम B-2 को हैवी सिक्योरिटी वाले एरियल जोन के बाहर से लक्ष्यों पर हमला करने की अनुमति देते हैं.
ज्वॉइन्ट एयर-टू-सरफेस स्टैंड ऑफ मिसाइल (JASSM) लंबी दूरी की सटीक हमला करने की क्षमता प्रदान करते हैं. एक्सटेंडेंड रेंज JASSM-ER वैरिएंट 500 मील (805 किमी) से ज्यादा दूरी पर स्थित लक्ष्यों को निशाना बनाने का विकल्प मुहैया कराते हैं.
न्यूक्लियर पेलोड
B-2 स्पिरिट अमेरिका के न्यूक्लियर ट्रायड का एक अहम हिस्सा है जो चुपके और सटीकता के साथ रणनीतिक परमाणु हथियार पहुंचाने में सक्षम है. बी2 16 बी83 परमाणु बम ले जा सकता है.
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