अमेरिकी मिलेट्री में हज़ारों हमवी की जगह अब जेएलटीवी लेने वाली है (एएफपी)
वॉशिंगटन:
अमेरिका अपने शक्ति प्रदर्शन के लिए एक नए वाहन को लेकर आया है जिसने द्वितीय विश्व युद्ध की पहचान बन चुकी जीप और उसके बाद आई हमवी को भी पीछे छोड़ दिया है।
अमेरिकी मिलेट्री के इस नए all purpose vehicle का नाम है JLTV यानि जॉइन्ट लाइट टैकटिकल व्हिकल जो इस देश की लड़ाकू शक्ति की नई पहचान बनकर सामने आया है।
हालांकि इस वाहन का नाम बहुत आकर्षक नहीं है लेकिन जेएलटीवी ने तकनीकी रूप से इतनी लंबी छलांग लगाई है कि यूएस मिलेट्री को उम्मीद है कि ये आने वाले कई दशकों तक फौज की रक्षा करता रहेगा।
अमेरिकी सेना ने ओशकोश निर्माता कंपनी के साथ 25 अगस्त को करीब 600 करोड़ डॉलर के अनुबंध की घोषणा की है। बता दें कि ओशकोश का मिलेट्री ट्रक और सैन्य वाहन बनाने का एक लंबा इतिहास रहा है।
हालांकि इस वाहन का तकनीकी ब्यौरा तो पूरी तरह से नहीं दिया गया है लेकिन ओशकोश कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक इस नई गाड़ी को भविष्य के बारे में सोचकर तैयार किया गया है ताकि ये सेना की बदलती ज़रूरतों के साथ खुद को ढाल सके।
जैसे कि गनर के लिए इसमें एक बुर्ज लगा हुआ आ सकता है या फिर यह सुदूर इलाके से रिमोट के ज़रिए चलाए जाने वाले हथियार से भी लैस हो सकता है।
इसके अलावा इसे रिमोट से संचालित किया जा सकता है या इसमें हायब्रिड इलेक्ट्रिक इंजिन भी लगाया जा सकता है।
ज़रा सोचिए, सैन्य वाहन का एक जत्था जा रहा है, सबसे आगे की गाड़ी रिमोट से संचालित है। वह रास्ते पर पड़े बम से टकरा जाती है और क्रू को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता।
ओशकोश जेएलटीवी के आगे का हिस्सा काफी बड़ा है, साथ ही 6.6 लीटर डिज़ल इंजिन के साथ उसमें छोटी बुलेटप्रूफ खिड़कियां भी बनी हैं।
अमेरिकी मिलेट्री के इस नए all purpose vehicle का नाम है JLTV यानि जॉइन्ट लाइट टैकटिकल व्हिकल जो इस देश की लड़ाकू शक्ति की नई पहचान बनकर सामने आया है।
हालांकि इस वाहन का नाम बहुत आकर्षक नहीं है लेकिन जेएलटीवी ने तकनीकी रूप से इतनी लंबी छलांग लगाई है कि यूएस मिलेट्री को उम्मीद है कि ये आने वाले कई दशकों तक फौज की रक्षा करता रहेगा।
अमेरिकी सेना ने ओशकोश निर्माता कंपनी के साथ 25 अगस्त को करीब 600 करोड़ डॉलर के अनुबंध की घोषणा की है। बता दें कि ओशकोश का मिलेट्री ट्रक और सैन्य वाहन बनाने का एक लंबा इतिहास रहा है।
हालांकि इस वाहन का तकनीकी ब्यौरा तो पूरी तरह से नहीं दिया गया है लेकिन ओशकोश कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक इस नई गाड़ी को भविष्य के बारे में सोचकर तैयार किया गया है ताकि ये सेना की बदलती ज़रूरतों के साथ खुद को ढाल सके।
जैसे कि गनर के लिए इसमें एक बुर्ज लगा हुआ आ सकता है या फिर यह सुदूर इलाके से रिमोट के ज़रिए चलाए जाने वाले हथियार से भी लैस हो सकता है।
इसके अलावा इसे रिमोट से संचालित किया जा सकता है या इसमें हायब्रिड इलेक्ट्रिक इंजिन भी लगाया जा सकता है।
ज़रा सोचिए, सैन्य वाहन का एक जत्था जा रहा है, सबसे आगे की गाड़ी रिमोट से संचालित है। वह रास्ते पर पड़े बम से टकरा जाती है और क्रू को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता।
ओशकोश जेएलटीवी के आगे का हिस्सा काफी बड़ा है, साथ ही 6.6 लीटर डिज़ल इंजिन के साथ उसमें छोटी बुलेटप्रूफ खिड़कियां भी बनी हैं।
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